केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अवसरवादी राजनेताओं के सत्ताधारी दल से जुड़े रहने की इच्छा पर चिंता जताई है। साथ ही कहा कि इस तरह की विचारधारा में गिरावट लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे नेता हैं जो अपनी विचारधारा पर दृढ़ हैं लेकिन उनकी संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती। हमारी बहसों और चर्चाओं में मतभेद हमारी समस्या नहीं है। हमारी मुख्य समस्या विचारों की कमी है। अपनी विचारधारा के आधार पर दृढ़ विश्वास के साथ खड़े रहने वाले लोग भी हैं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या घट रही है। विचारधारा में जो ये गिरावट हो रही है वह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग ऐसा लिखते हैं कि वह न तो दक्षिणपंथी और न ही वामपंथी हम जाने-माने अवसरवादी हैं। सभी सत्तारूढ़ दल से जुड़े रहना चाहते हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में कहें, तो भारत लोकतंत्र की जननी है। राजनेता आते-जाते रहते हैं, लेकिन उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों के लिए जो काम किया है वह अंततः मायने रखता है और उन्हें सम्मान दिलाता है।

केंद्रीय मंत्री ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की भी प्रशंसा की। कर्पूरी ठाकुर को हाल ही में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था और कहा कि ऐसे लोगों ने देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाया है। कर्पूरी ठाकु ने मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद, ऑटो-रिक्शा में यात्रा की। उनकी स्थिति बहुत सामान्य थी। उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक नेताओं को ऐसे लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

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