कन्नौज सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की खबरों पर ब्रेक लग गया है। इस सीट से वह अपने भतीजे व पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव को चुनाव लड़ा सकते हैं।
कन्नौज लोक सभा सीट समाजवादी पार्टी की मजबूत सीट मणि जाती है। यहां पार्टी ने अभी तक कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। अखिलेश ने मंगलवार यानी आज पार्टी की बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रत्याशी का नाम तय किया जाएगा।
अपने गढ़ में मिली थी डिंपल यादव को हार
साल 2019 के लोक सभा चुनाव में डिंपल यादव कन्नौज से चुनाव लड़ी थीं। लेकिन, उन्हें बीजेपी के सुब्रत पाठक से हार मिली थी। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने मैनपुरी से बंपर जीत दर्ज की थी।
अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ था। पार्टी में सूत्रों के मुताबिक उनकी कन्नौज और आजमगढ़ दोनों जगह से तैयारी थी। लेकिन, आजमगढ़ से उन्होंने धर्मेंद्र यादव और मैनपुरी से पत्नी डिंपल को मैदान में पहले ही उतार दिया है।
अखिलेश यादव की थी कन्नौज से मजबूत दावेदारी
सियासी हलकों में चर्चा थी कि वह कन्नौज से मैदान में उतर सकते हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक उनका मानना था कि तेज प्रताप यादव को रामपुर से लड़ाया जाए। लेकिन, आजम खान इसपर राजी नहीं हुए।
सियासी हलकों में चर्चा थी कि वह कन्नौज से मैदान में उतर सकते हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक उनका मानना था कि तेज प्रताप यादव को रामपुर से लड़ाया जाए। लेकिन, आजम खान इसपर राजी नहीं हुए।
सूत्रों के मुताबिक हाल फिलहाल में बदली परिस्थितियों में अखिलेश यादव चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। उनका पूरा फोकस पार्टी को अधिकतम सीटों पर जीत दर्ज कराना है। उन्होंने पार्टी में करीबी नेताओं से चर्चा करके चुनाव नहीं लड़ने के संकेत भी दिए हैं।
कन्नौज की पार्टी यूनिट के साथ बैठक करके वह तेज प्रताप के नाम पर अपने नेताओं को समझाएंगे। अखिलेश इस समय करहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और वर्तमान में विधानसभा में नेता विरोधी दल हैं।