बिहार के नालंदा ज़िले के लोग ज्ञान की धरती की संज्ञा देते हैं। इन दिनों शिक्षा के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी ज़िले की एक अलग पहचान बन रही है। आज हम आपको नालंदा ज़िले के कराटे खिलाड़ियों की खबर से रूबरू करवा रहे हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ना सिर्फ जिले का नाम रोशन किया है बल्कि प्रदेश को भी अलग पहचान दिलाई है।
नालंदा के कराटे खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुए इंडिया ओपन अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। जहां नालंदा ज़िल से 17 प्रतिभागियों ने अलग अलग वर्ग में हिस्सा लिया है।
17 और 18 जून को हुए प्रतियोगिता खिलाड़ियों ने 6 स्वर्ण पदक, 5 रजत और 7 कांस्य पदक पर क़ब्ज़ा जमाया। इस प्रतियोगिता में भारत, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, ईरान, ब्रिटेन, के अलावा अन्य देशों के 2000 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। नालंदा जिला की तरफ से कुल 17 खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया था।
मासूम प्रभाकर ने अपने पंच के दम पर दो स्वर्ण पदक अपने नाम किया तो वहीं बंटी कुमार ने भी दो स्वर्ण पदक पर क़ब्ज़ा जमाया। इसके अलावा सोजल खड्गी और आभ्य रानी ने भी एक-एक स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
संध्या रानी, आरुष राज, दिव्यानी कुमारी, माधवानंद ने रजत पदक पर क़ब्ज़ा जमाया है। वहीं, मयंक प्रभाकर, तेजू वर्मा मनाली कुमारी, संजना, अर्जुन कुमार, अमन कुमार, कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहे हैं। आपको बता दें कि इस प्रतियोगिता में बिहार कराटे संघ के तरफ से सेन्सई राकेश राज और संजय कुमार रेफरी एवं जज की भूमिका में रहे।
राकेश राज ने कहा कि यह हमारे लिए गौरवांवित कराने वाला पल है। नालंदा के विभिन्न कॉलेज, स्कूल और अपने संस्थान एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट एंड स्पोर्ट्स जोन के द्वारा लगभग 15 हजार से ज्यादा छात्रों को प्रशिक्षण दे चुके हैं। बिहार कराटे संघ के तरफ से कई बार नेशनल प्रतियोगिता में बिहार टीम कोच की भूमिका में रह चुके हैं।
राकेश राज ने बताया कि हाल ही में देहरादून में सीनियर नेशनल कराटे प्रतियोगिता में बिहार से एकलौते रेफरी और जज की भूमिका में भी उन्होंने योगदान दिया था। वहीं बीते सप्ताह इंडिया ओपन इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता में भी जज रह चुके हैं। राकेश ने कहा कि हमारे गाइडेंस में अब तक दर्जनों खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल में बेहतर प्रदर्शन कर मेडल जीत चुके हैं।