उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि हमने संगठन की बैठक की है। जिस प्रकार के परिणाम आए हैं उस जनादेश को हमने स्वीकार किया है, लेकिन एक संगठन के नाते हमने सभी विषयों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। मुझे निश्चित रूप से विश्वास है कि हम उन सब कारणों को दूर करके पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश व देश को विकसित बनाएंगे। हम उन सब कारणों को जानने का प्रयास करेंगे जिनके कारण हमें अपेक्षा के मुताबिक परिणाम नहीं आए।

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद विभिन्न पार्टियां अपने-अपने प्रदर्शन का विश्लेषण कर रही हैं। इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खराब प्रदर्शन के कारणों की रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है। बीजेपी ने यूपी की 80 में से सिर्फ 33 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2019 में उसे 63 सीटें मिली थीं. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने 37 लोकसभा सीटें जीतकर बीजेपी को राज्य में दूसरे स्थान पर धकेल दिया था। बीजेपी के सहयोगी दलों को 3 सीटें मिलीं, कांग्रेस को 6 सीटें मिलीं जबकि एक सीट पर चन्द्रशेखर आजाद रावण ने जीत हासिल की।

यूपी में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन का कारण जानने के लिए पार्टी ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है जो हर लोकसभा में जाकर पार्टी की हार का कारण तलाशेगी और अपनी रिपोर्ट यूपी बीजेपी अध्यक्ष को सौंपेगी। पार्टी के नुकसान पर लगातार मंथन चल रहा है। आज सबसे पहले बीजेपी दफ्तर में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक हुई है, जिसमें कानपुर मंडल के हारे हुए प्रत्याशियों के प्रदर्शन की समीक्षा की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्य फोकस मलाईदार सीटों पर रहेगा, जिनमें -अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, फैजाबाद, मुफ्फरनगर, इलाहाबाद, सहारनपुर शामिल हैं।

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