दिल का दौड़ा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मौत पर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि जेल में अगर किसी की मौत होती है तो इसकी एक प्रक्रिया बनी हुई है। प्रक्रिया के तहत जांच होगी और एक रिपोर्ट अदालत को दी जाएगी।

इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अदालत को मुख्तार अंसारी के स्वास्थ्य के बारे में अवगत कराया था और कहा था कि उन्हें चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है। उसके बाद उन्हें सभी उचित चिकित्सा उपचार प्रदान किए गए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके बावजूद कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मौत हो गई।

वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने कहा ज्यादातर माफिया (गैंगस्टर) सलाखों के पीछे थे और मैं दो माफियाओं को पकड़ने में सक्षम नहीं था। एक मुख्तार अंसारी थे, जो भूमिगत हो गए और उनका पता किसी को नहीं पता था। सीएम योगी के सत्ता में आने के बाद मुख्तार अंसारी रडार पर आ गया और उन पर पुराने मामलों में मुकदमा चलाया गया।

बता दें कि मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच होगी। बांदा के जिलाधिकारी ने मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। एक महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। दूसरी तरफ, मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने कहा कि यह कोई स्वाभाविक मौत नहीं है, बल्कि संयोजित तरीके से हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि मुझे शक है, मैंने पत्र लिखा है कि पोस्टमार्टम एम्स दिल्ली के डॉक्टरों द्वारा किया जाना चाहिए।

 

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