उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने कस्टडी में रील बनाने वालों पर एक्शन लिया है। पुलिस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शेर और चीता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। नोएडा पुलिस ने इन तीनों को गुरुवार को बहलोलपुर से गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने पूर्व में गिरफ्तारी के बाद पुलिस कस्टडी में मेडिकल के दौरान जिला अस्पताल में रील बनाई थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। यह आए दिन ही महिलाओं के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते है। पुलिस ने अब इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने जिला अस्पताल में पुलिस हिरासत में वीडियो बनाने वाले शेर और चीता नाम के यूट्यूबर और उनके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी पिंटू बैरागी उर्फ चीता और शेरपाल बैरागी उर्फ शेर निवासी ग्राम बहलोलपुर को गिरफ्तार कर लिया है। बीते 7 सितंबर को महिलाओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रील बनाने के आरोप में थाना सेक्टर 63 पुलिस ने गिरफ्तार किए गए थे। गिरफ्तारी के बाद उन्हें मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाया गया था। इसी दौरान उन्होंने एक रील बना ली। इसके बाद जब वो जमानत पर छूटे तो उन्होंने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जो वायरल हो गई।
वायरल वीडियो के बाद पुलिस ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और दोनों आरोपियों को फिर से गिरफ्तार कर लिया। थाना सेक्टर 39 पुलिस ने इन दोनों यूट्यूबर और उनके एक साथी के खिलाफ मामला दर्ज किया और इन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कहा कि इस तरह की घटनाएं ना केवल कानूनी उल्लंघन हैं, बल्कि समाज में गलत संदेश भी फैलाती हैं। ऐसे किसी भी असामाजिक व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसी वीडियो को शेयर करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में कथित हेलीकॉप्टर ‘चोरी’ की शिकायत को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की। मगर पुलिस ने इस गलतफहमी के कारण उपजा मामला करार दिया है। पुलिस के अनुसार उसे ‘एसएआर एविएशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड’ के पायलट रवींद्र सिंह की शिकायत मिली थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी फर्म का हेलीकॉप्टर चोरी हो गया है। शिकायत में दावा किया कि मई में कुछ लोग हेलीकॉप्टर के पुर्जे अलग-अलग कर उसे ट्रक में भरकर ले गए थे तथा जब उन्होंने ऐसा करने वाले लोगों से इस बारे में पूछा तो उनके साथ मारपीट की गई। अखिलेश यादव ने इस मामले पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की है।