कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के लिखे लेख को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच बीजेपी नेता योगेंद्र चंदोलिया की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता है कि सोनिया गांधी ने अपने लेख में क्या लिखा है, मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि सत्तापक्ष अभी-भी मजबूत है और विपक्ष अगर हंगामा कर रहा है, तो इससे स्पष्ट है कि उसके पास कोई काम नहीं है।

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अपने लेख में लिखा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नैतिक और व्यक्तिगत हार है। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर योगेंद्र चंदोलिया ने कहा,“ लोकसभा में इसका क्या असर पड़ेगा? लोकसभा को ये लोग (कांग्रेसी) चलने नहीं दे रहे हैं।

शोर-शराबा और हंगामा कर रहे हैं। जबकि हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता कह चुके हैं कि हम नीट पर हर प्रकार की चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन वो चर्चा करने के बजाय शोर मचाना चाहते हैं। इस लोकसभा चुनाव में उन लोगों काे थोड़ा बहुत समर्थन मिला है।

लेकिन वे सत्ता में नहीं हैं। कांग्रेस ने अभी तक 100 का आंकड़ा भी पार नहीं किया है। भारतीय जनता पार्टी या हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। हम चर्चा से नहीं डरते हैं।“

बीजेपी नेता ने आगे कहा, “कांग्रेस को इस बात का पता है कि चर्चा में कुछ होने वाला नहीं है। उन्होंने  लोकसभा को अव्यवस्थित करने की योजना बना रखी है, लेकिन मैं एक बात साफ कह देना चाहता हूं कि वो अपनी योजना में सफल नहीं हो पाएंगे।

उनके मंसूबे कभी सफल नहीं हो सकते हैं। दो-चार दिन वो ऐसा करेंगे, इसके बाद वे लोग खुद ही रूक जाएंगे। देश की जनता इन्हें देख रही है। जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।“

गौरतलब है कि कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी का लिखा लेख द हिंदू अखबार में छपा है। इसमें उन्होंने कई मुद्दों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने जहां नीट में हुई धांधली को लेकर पीएम मोदी से चर्चा की मांग की। वहीं, लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नैतिक हार बताया।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हमने सत्तारूढ़ दल से डिप्टी स्पीकर के पद की मांग की थी, लेकिन हमें नहीं दिया गया। सोनिया गांधी के इस आरोप पर शनिवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा की भी प्रतिक्रिया सामने आई।

उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने हमसे डिप्टी स्पीकर के पद की मांग नहीं की थी, बल्कि हमसे मोल-भाव की राजनीति की थी और हम मोलभाव की राजनीति करने वाले वाले लोगों से हमेशा से ही दूर रहते आए हैं। मुझे लगता है कि कांग्रेस की ऐसी दुर्गति मोलभाल की राजनीति करने की वजह से हुई है।

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