गुजरात की आर्थिक राजधानी सूरत को डायमंड और टैक्सटाइल सिटी कहा जाता है।  वराछा इलाके के मिनी बाजार डायमंड मार्कीट कहे जाने वाले इलाके की सड़क के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं जिनमें डायमंड कारोबारी और आम जनता सड़क से डायमंड बीनते नजर आ रहे हैं। हर रोज की तरह रविवार सुबह भी डायमंड का कारोबार करने वाले लोग वराछा डायमंड मार्कीट पहुंचे थे।

मुख्य सड़क से आम जनता भी आ-जा रही थी, तभी हंगामा मच गया कि सड़क पर हीरे पड़े हुए हैं। लोगों ने देखा तो सच में हीरे पड़े हुए थे। इसके बाद बाजार में लूट मच गई। बीने गए डायमंड की जांच की गई तो सभी के होश उड़ गए। सामने आया कि ये डायमंड न तो खदान से निकले हुए असली डायमंड हैं और न ही लैब में तैयार होने वाले डायमंड हैं, ये तो अमेरिकी डायमंड हैं।

लैब में तैयार हुआ डायमंड असली नहीं होता और उसकी कीमत असली डायमंड से काफी कम होती है। बाजार में उसकी मांग भी होती है। लैब में तैयार होने वाले डायमंड की तकनीक को कैमीकल वैपर डिपोजिशन कहते हैं जिसे संक्षिप्त में CVD डायमंड कहते हैं। खदान से निकलने वाला असली डायमंड यदि एक लाख रुपए का है तो लैब में तैयार होने वाला डायमंड 15,000 में मिल जाता है। वहीं, अमेरिकी डायमंड किलो के भाव में बिकते हैं। असली हीरे के मुकाबले इनकी कोई कीमत नहीं होती।

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights