नगर निगम के सरकारी अधिकारी को धमकाने के आरोप में आजम खान के करीबी यूसुफ मालिक जेल गए थे। यूसुफ मालिक सपा के मजबूत सिपाही माने जाते हैं। यूसुफ मालिक के सारे अपराधिक रिकॉर्ड एकत्र करने के बाद यूसुफ मालिक को प्रशासन ने एनएसए में निरुद्ध किया था। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद बुधवार की देर रात उनकी रिहाई कर दी गई।

आपको बताते चलें कि यूसुफ मालिक पर नगर निगम के अधिकारी अनिल कुमार को धमकाने का आरोप लगाया गया था। जबकि यूसुफ मलिक का कहना था कि वह सिर्फ अनिल कुमार से बात करने के लिए उनके ऑफिस गया था। यूसुफ मलिक के करीबियों का कहना था कि निजी बैर रखने की वजह से नगर निगम के अधिकारी ने राजनीतिक कारणों से यूसुफ मलिक पर एफआइआर दर्ज करा दी थी। जिसके बाद यूसुफ मलिक की संपत्ति भी सीज कर दी गई थी। यूसुफ मालिक के परिवार ने पिछले एक साल से कानूनी लड़ाई लड़ी। हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई।

यूसुफ मालिक के परिजनों का कहना है कि उनके पास जो भी सम्पत्ति है वो मालिक की दादा इलाही की है। उनके पास पुश्तैनी संपत्ति है, इसके बावजूद सरकार यूसुफ मलिक की संपत्ति को जब्त करने जैसी कार्रवाई कर चुकी है। कहा जा रहा है कि आजम खान से नजदीकियों की वजह से उनपर कार्रवाई की जाती रही है। हालांकि उन्होंने कोर्ट पर पूरा भरोसा जताया है। कहा है कि कोर्ट में केस चलेगा, सुनवाई होगी, सबूत पेश होंगे। ऐसे में उनका सच जरूर सामने आएगा। अगर वो कुछ गलत किए होंगे तो सजा होगी वरना उन्हें इज्जत के साथ न्यायालय से बरी कर दिया जाएगा। फिलहाल एनएसए हटने और रिहाई होने पर यूसुफ मलिक के परिजनों ने राहत की सांस ली है।

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