हल्द्वानी के बनभूलपुरा में बीते आठ फरवरी को हुए दंगे में मौके के पांच शव बरामद किए गए थे। एक शव इंद्रानगर रेलवे क्रांसिंग के पास से बरामद हुआ था। मृतक की शिनाख्त 25 वर्षीय प्रकाश कुमार सिंह उर्फ अविराज पुत्र श्याम देव सिंह निवासी छिने गांव भोजपुर सिन्हा, बिहार के रूप में हुई थी। एसएसपी पीएन मीणा के निर्देश पर मामले की तफ्तीश के लिए टीम गठित् की गई थी। जांच में जो तथ्य सामने आए उससे पुलिस भी दंग रह गई। जांच में सामने आया कि खटीमा थाने में तैनात सिपाही वीरेंद्र सिंह उसकी पत्नी सहित पांच लोगों ने मिलकर आठ फरवरी को रात प्रकाश की हत्या कर शव हल्द्वानी दंगा प्रभावित इलाके के पास फेंक दिया था।
पुलिस ने सीडीआर खंगाली तो मृतक प्रकाश का सितारगंज से कनेक्शन सामने आया। प्रकाश पिछले ढाई साल से शक्तिफार्म निवासी सूरज के संपर्क में था। दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती थी। इसी दौरान प्रकाश के संबंध सूरज की बहन और सिपाही की पत्नी से बन गए थे। प्रकाश ने सिपाही की पत्नी प्रियंका के साथ शारीरिक संबंध भी बनाए। वह सिपाही की पत्नी को ब्लैकमेल भी करता था।
जांच में सामने आया कि प्रकाश ने सिपाही वीरेंद्र की पत्नी से कई बार शारीरिक संबंध बनाए। इसी दौरान उसने अश्लील वीडियो भी बना दी थी। वीडियो की आड़ में प्रकाश सिपाही की पत्नी को ब्लैकमेल करते हुए उससे धन की डिमांड भी करने लगा था।
सात फरवरी को प्रकाश ने प्रियंका के पति सिपाही वीरेंद्र को फोन किया था। उसके बाद प्रियंका ने पति को प्रकाश की करतूत बताई। इस पर सिपाही ने प्रकाश को ठिकाने लगाने की पूरी प्लानिंग कर ली थी।
पूरी प्लानिंग के तहत प्रियंका ने प्रकाश को हल्द्वानी बुलाया था। उसके बाद सिपाही वीरेंद्र और प्रियंका ने अपने साथी नईम खान सूरज आदि ने प्रकाश को हल्द्वानी में दबोचते हुए उससे वीडियो डिलीट करने को कहा। मना करने पर सिपाही ने गोली मारकर प्रकाश की हत्या कर दी थी। उसके बाद शव को रेलवे क्रासिंग के पास घटना को दंगे से जोड़ने की साजिश रची गई। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में प्रियंका फरार चल रही है।