मुख्य सचिव के सख्त निर्देश के बाद भी जिलों के अफसर विधायकों के फोन नहीं उठा रहे हैं और उन्हें बाद में भी फोन नहीं कर रहे। शासन ने इसका संज्ञान लेते हुए ऐसे आचरण करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विधायकों की शिकायत पर सरकार गंभीर प्रमुख सचिव संसदीय कार्य ने शासनादेश जारी किया है।

मुख्य सचिव ने भी दिए थे निर्देश 
प्रमुख सचिव संसदीय कार्य ने इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिव डीजीपी, कमिश्नर और जिलाधिकारी को शासनादेश का आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सांसदों एवं विधायकों के प्रति शिष्टाचार प्रोटोकॉल को लेकर विगत वर्षों में कई शासनादेश जारी किए जा चुके हैं, इसके अनुपालन के लिए मुख्य सचिव ने भी निर्देश दिए थे, इसके बावजूद शासन के संज्ञान में आया है कि कुछ जिलों में अधिकारी विधानमंडल के सदस्यों का फोन नहीं उठाते हैं। और ना ही उन्हें कॉल बैक करते हैं।

‘अधिकारी कॉल आने पर इसे रिसीव जरूर करें’
इन निर्देशों में साफ लिखा है कि फोन नंबर को अधिकारी अपने फोन में सेव कर ले कॉल आने पर इसे रिसीव जरूर करें। बैठक में होने पर वह कॉल आने पर प्राथमिकता के आधार पर अनु उपलब्ध होने पर मैसेज भेजेंगे और यथाशीघ्र कॉल बैक करेंगे सदस्यों के बताएं प्रकरण को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित कर , अवगत कराएंगे लापरवाही बरतने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

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