यूपी में परिषदीय स्कूलों के दिन बहुरने वाले हैं। राज्य सरकार के अति महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों में से एक ‘‘ऑपरेशन विद्यालय कायाकल्प’’ को अब डीएम, सीडीओ व नगर आयुक्त मिलकर गति प्रदान करेंगे। ये तीनों अधिकारी विभिन्न सहयोगी विभागों के अनुमन्य वित्तीय स्रोत्रों मसलन 15 वें वित्तीय आयोग, राज्य वित्त आयोग, मनरेगा, जिला खनिज निधि , नगरीय विकास एवं विकास प्राधिकरण की निधियों के कन्वर्जेन्स के माध्यम से प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों को चिन्हित 19 मूलभूत अवस्थापना सुविधाएं मुहैय्या कराएंगे। मुख्य सचिव के हस्तक्षेप के बाद शासन स्तर से इस दिशा में कार्रवाई तेज कर दी गई है।

इसके तहत जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी से लेकर नगर आयुक्त तक बेसिक शिक्षा विभाग से मिलकर मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं से वंचित परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प कराएंगे। इस कार्य के लिए इन अधिकारियों को विभिन्न विभागों के वित्तीय स्रोत्रों से धन निकासी की छूट रहेगी। मुख्य सचिव ने बीते सप्ताह इस बारे में एक सर्कुलर जारी कर सितम्बर तक सभी परिषदीय स्कूलों को मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं से परिपूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव नें इस कार्य में आने वाले वित्तीय समस्याओं के निस्तारण के लिए जिले स्तर पर तीन अधिकारियों को चिन्हित करने के साथ-साथ जिले के ग्राम पंचायतों, नगर निगमों, पंचायतों, विकास प्राधिकरणों के कार्यक्षेत्रों में आने वाले परिषदीय विद्यालयों को चिन्हित कर उनमें मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं से परिपूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।

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