भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड प्रमुख माधबी पुरी बुच ने अपने और पति धवल बुच के ऊपर लग रहे आरोपों के बीच एक बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि सेबी द्वारा निर्धारित सभी दिशा निर्देशों का उन्होंने पूर्णत: पालन किया। हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट में एक बार फिर से बुच दंपति पर एक बार फिर से सवालों और आरोपों झड़ी लग गई है। रिसर्च फर्म ने कहा है कि माधबी पुरी बुच ने अपने पद का गलत तरीके से Whole-Time Member के पद का इस्तेमाल करते हुए कंपनियों से पेमेंट हासिल किया। इसको लेकर माधबी पुरी बुच ने एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लग रहे सारे आरोप झूठे हैं। इस बीच कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों की ओर भी ऐसे ही आरोप लगाए हैं।

अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर फिर से सवालों और आरोपों की बौछार कर दी है। रिसर्च फर्म ने एक रिपोर्कट को लेकर कहा है, “सेबी में शामिल होने के बाद माधाबी ने कभी भी एगोरा एडवाइजरी, एगोरा पार्टनर्स, महिंद्रा ग्रुप, पिडिलाइट, डॉ. रेड्डीज, अल्वारेज एंड मार्सल, सेम्बकॉर्प, विसु लीजिंग या आईसीआईसीआई बैंक से जुड़ी किसी भी फाइल को निपटाया नहीं है।”

ऐसे में माधबी पुरी बुच ने कहा कि उन्होंने बाजार नियमों का पूरी तरह से पालन किया है। उन्होंने दावा किया कि 2017 में सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में शामिल होने के बाद से उन्होंने लगातार एगोरा एडवाइजरी में अपनी हिस्सेदारी का खुलासा किया। बुच ने ताजा बयान में कहा कि उन्होंने एगोरा पार्टनर्स में भी पारदर्शी रूप से अपनी शेयरधारिता की घोषणा की है।

सेबी चीफ ने कंपनियों के साथ अपने पत्राचार और लेनदेन संबंध डॉक्यूमेंट्स का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा, “…जैसा कि उपरोक्त तथ्यों और कंपनियों के संचार से स्पष्ट है, आरोप पूरी तरह से झूठे, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक हैं।”

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