दिल्ली में बजट को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने पहले केंद्र सरकार पर बजट को रोकने का आरोप लगाया तो अब अफसरों को भी साजिश में शामिल बताया है। केंद्र सरकार की ओर से यह जवाब देने के बाद कि 17 मार्च को ही दिल्ली सरकार को फाइल भेज दी गई थी, आप सरकार ने मुख्य सचिव और वित्त सचिव पर ठीकरा फोड़ दिया है। विधानसभा में पूरे मामले पर अपनी बात रखते हुए वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने मुख्य सचिव पर आरोप लगाया कि उन्होंने कल शाम तक उन्हें नहीं बताया कि गृहमंत्रालय की ओर से कुछ स्पष्टीकरण मांगा गया है। इससे पहले आप के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव पर फाइल दबाकर बैठने का आरोप लगाते हुए इसे देशद्रोह से भी बड़ा मामला बताया है।

गहलोत ने कहा, पहली बार हुआ है जब किसी चुनी हुई सरकार को बजट नहीं पेश करने दिया गया। उन्होंने विधानसभा में कहा, ‘मैं दुखी मन के साथ सदन को बताना चाहता हूं कि कल केंद्र सरकार ने हमारे बजट को पेश होने से रोक दिया। सबको पता था कि 21 को बजट पेश होना है। 10 तारीख को पूरा बजट गृहमंत्रालय को भेज दिया गया था। कल करीब 2 बजे के आसपास मुझे मालूम चला कि गृहमंत्रालय ने कुछ सवाल किए हैं। मैंने मुख्य सचिव और वित्त सचिव से कई बार बात की और जल्दी फाइल भेजने को कहा। शाम 6 बजे गृहमंत्रालय के फाइल और लेटर को देखा। जवाब तैयार किया,सीएम से बात की और 9 बजे एलजी को भेजा। वहां करीब साढ़े 10 बजे फाइल लौटी।’

उन्होंने कहा कि यदि किसी चुनी हुई सरकार को बजट भी नहीं पेश करने दिया जाएगा तो इससे बड़ा घोर अन्याय नहीं हो सकता है। गहलोत ने कहा, ‘रात को ही फाइल प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइसेंस से बात की तो उन्होंने कहा कि जवाब भेज दिया गया है। एक चीज समझ से बाहर है। गृहमंत्रालय ने 17 तारीख को साढ़े पांच बजे लेटर लिखा। 17 तारीख से 20 तारीख के 2 बजे तक वित्त मंत्री को यह नहीं पता है कि गृहमंत्रालय से कोई चिट्ठी आई है या नहीं। ऐसी कोई चिट्ठी आई तो चीफ सेक्रेट्री को तुरंत वित्त मंत्री के संज्ञान में लाना चाहिए था, ताकि समय बर्बाद नहीं होता।’

इससे पहले आम आदमी पार्टी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार अधिकारियों के साथ मिलकर दिल्ली सरकार के खिलाफ साजिश रच रही है। दिल्ली के मुख्य सचिव और वित्त सचिव इस साजिश में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होगी? अगर शाम तक कार्रवाई नहीं हुई तो इसका मतलब साफ है कि इस साजिश में केंद्र एलजी और अधिकारी सब शामिल हैं। सौरभ ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से 10 मार्च को ही बजट की फाइल भेज दी गई थी। अगर केंद्र ने 17 मार्च को कोई आपत्ति जताई थी तो मुख्य सचिव उस फाइल को क्यों लेकर बैठ गए। ये तो देशद्रोह से भी बड़ा मामला है जो एक चुनी हुई सरकार के खिलाफ किया जा रहा है।

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