हाल ही एक इंटरव्यू में पुलवामा हमले पर सरकार की नाकामी को उजागर करने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक  को सीबीआई CBI ने पूछताछ के लिए नोटिस किया है। अपने नोटिस में सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से भ्रष्टाचार के एक मामले को लेकर पूछताछ में शामिल होने को कहा है। सीबीआई इसी महीने 27 और 28 अप्रैल को सत्यपाल मलिक से पूछताछ कर सकती है। सत्यपाल मलिक को सीबीआई द्वारा नोटिस किए जाने के बाद से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। कांग्रेस, आप सहित कई विपक्षी दलों ने मामले में सवाल उठाए है। कथित इंश्योरेंस घोटाला Satyapal Malik Insurance Scam मामले में सीबीआई सत्यपाल मलिक से अकबर रोड स्थित एक गेस्ट हाउस में पूछताछ करेगी। इस नोटिस को लेकर सत्यपाल मलिक की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। शुक्रवार रात सत्यपाल मलिक ने ट्वीट करते हुए लिखा मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पाप उजागर किए, इसलिए बुलावा आया है।

मैंने लोगों के पाप उजागर किए, इसलिए आया बुलावाः सत्यपाल मलिक

इंश्योरेंस घोटाला मामले में सीबीआई का नोटिस जारी होने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सरकार पर निशाना साधा है। शुक्रवार की रात उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘‘मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पाप उजागर किए हैं। शायद, इसलिए बुलावा आया है।’’ मलिक ने आगे लिखा कि मैं किसान का बेटा हूं, घबराऊंगा नहीं। सच्चाई के साथ खड़ा हूं। हालांकि बाद में सत्यपाल मलिक ने इस ट्विट को डिलीट कर दिया है।

27-29 अप्रैल के बीच सत्यपाल मलिक से होगी पूछताछ-

सीबीआई के नोटिस पर सत्यपाल महिला ने कहा था, ‘‘ CBI को कुछ चीजें जाननी हैं, जिसके लिए मुझे बुलाया है। मैं राजस्थान जा रहा हूं, इसलिए मैंने उन्हें बता दिया है कि मैं 27 से 29 अप्रैल के बीच उपलब्ध रहूंगा।’’ सत्यपाल मलिक भाजपा के पुराने नेता है। वो भाजपा में कई बड़े पदों पर रहे। अलग-अलग समय में चार राज्यों में राज्यपाल भी बनाए गए। इस समय सत्यपाल मलिक भाजपा के पहले नेता हैं जिन्होंने सीधे तौर पर पीएम मोदी पर सवाल उठाए है।

CBI ने सत्यपाल मलिक को किस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया?

सीबीआई ने सत्यपाल मलिक को जिस कथित इंश्योरेंस घोटाला में पूछताछ के लिए नोटिस किया है, वह जम्मू कश्मीर सरकार के कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़ी है। सीबीआई ने अपनी FIR में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड को आरोपी बनाया है। सत्यपाल मलिक राज्यपाल रहते हुए 31 अगस्त 2018 को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।


300 करोड़ रुपए के रिश्वत की मलिक ने खुद कही थी बात-

अक्टूबर 2021 में सत्यपाल मलिक ने 300 करोड़ रुपए के रिश्वत की पेशकश किए जाने का चौंकाने वाला दावा किया था। मलिक ने दावा किया था कि RSS नेता से संबंधित एक फाइल को क्लियर करने के लिए उन्हें कथित तौर पर 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

सत्यपाल महिल के दावे के अनुसार ये रिश्वत दो परियोजनाओं की फाइल को लेकर दी जा रही थी। इसमें एक अनिल अंबानी और दूसरी आरएसएस के एक नेता की। इसी को लेकर सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज की थी।

पुलवामा हमले पर सत्यपाल मलिक ने क्या दिया बयान?

14 अप्रैल 2023 को न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ के वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को दिए इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले पर चौंकाने वाला बयान दिया था। पुलवामा आतंकी हमले के लिए सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू से श्रीनगर पहुंचने के लिए CRPF को पांच एयरक्राफ़्ट की ज़रूरत थी। मैंने गृह मंत्रालय से एयरक्राफ़्ट मांगे, लेकिन नहीं दिए गए।

मलिक ने कहा कि एयरक्राफ़्ट दे देते तो ये हमला नहीं होता क्योंकि इतना बड़ा काफ़िला सड़क से नहीं जाता। सत्यपाल मलिक ने इंटरव्यू में कहा कि जब उन्होंने यह जानकारी प्रधानमंत्री को दी तो पीएम ने कहा, “आप इस पर चुप रहिए।


पुलवामा आतंकी हमला, जिसमें गई थी 40 जवानों की जान

14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था। जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। उस समय विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी सीआरपीएफ़ के 70 बसों के काफ़िले में चल रही एक बस से भिड़ा दी गई थी। इस आत्मघाती हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक कर कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था।


केंद्र सरकार पर लंबे समय से हमलावर हैं सत्यपाल मलिक

भाजपा में रहते हुए सत्यपाल मलिक बीते लंबे समय से केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। पुलवामा हमले पर सरकार की नाकामी उजागर करने से पहले वो कृषि कानून, एमएसपी, अग्निपथ योजना जैसे योजनाओं पर सवाल उठा चुके हैं। सत्यपाल मलिक के इन बयानों से न केवल केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ती रही है बल्कि विपक्ष को भी एक नया मुद्दा मिल जाता है।

सत्यपाल मलिक के वो बयान, जिसने बढ़ाई सरकार की मुश्किलें

  • ‘700 किसान मर गए, दिल्ली से एक चिट्ठी नहीं आई’
    मेघालय के राज्यपाल रहते हुए 22 अगस्त 2022 को सत्यपाल मलिक ने यूपी के बागपत आयोजित किसान मजदूर सभा में कहा, “दिल्ली की सीमाओं पर 700 किसान मर गए थे। मुझे कुत्ते ने नहीं काटा था कि मैं गवर्नर होते हुए पंगा लूं, लेकिन जब 700 लोग मर गए तब भी दिल्ली से एक चिट्ठी संवेदना की कहीं नहीं गई। कुतिया भी मरती है तो प्रधानमंत्री उसके प्रति संवेदना भेजते हैं।”
  • ‘किसान मामले में पीएम से मिला, वो घमंड में, 5 मिनट में हुई लड़ाई’
    जनवरी, 2022 में सत्यपाल मलिक ने कहा, “मैं किसानों के मामले में जब प्रधानमंत्री से मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई। वो बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा कि हमारे पांच सौ लोग मर गए हैं। जब कुतिया मरती है तो आप चिट्ठी भेजते हो, तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए मरे हैं? मैंने कहा कि आपके लिए तो मरे हैं। जो आप राजा बने हुए हो उनकी वजह से।
  • ‘जितनी हत्या कश्मीर में एक सप्ताह में होती है उतनी पटना में एक दिन में होती है’
    जनवरी 2019 में सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भी देश के दूसरों राज्यों की तरह है। यहां कोई क़त्लेआम नहीं चल रहा। जितनी मौतें कश्मीर में एक हफ्ते में होती है उतने मर्डर तो पटना में एक दिन में हो जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यहां लड़के खुलेआम हथियार लेकर घूमते हैं और राज्य के पुलिसकर्मियों को मारते हैं। आप उन्हें क्यों मार रहे हैं। अगर मारना ही है तो उन्हें मारो जिन्होंने आपके देश और कश्मीर को लूटा है। क्या आपने ऐसे किसी शख़्स को मारा है?”
  • ‘अग्निपथ योजना हमारी फौज को नीचा दिखाने का काम करेगी’
    जून, 2022 में अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा, “अग्निपथ योजना हमारी फ़ौजों को, जवानों को नीचा दिखाने का काम करेगी। उनका करियर ख़त्म कर देगी। चार साल में छह महीने ट्रेनिंग करेंगे। छह महीने छुट्टी पर रहेंगे।” तीन साल वो सिर्फ़ नौकरी करेंगे तो फिर कहां जाएंगे। उनकी तो शादी भी नहीं होगी। उनमें देश के लिए मरने के लिए कैसे जज़्बा होगा? ये बहुत ग़लत किया है, इसे जल्द वापस लेना चाहिए।”

    ‘कश्मीर का गर्वनर दारू पीता हौ और गोल्फ खेलता है’
    मार्च, 2020 में सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर के गवर्नर पर विवादित बयान दिया था। उत्तर प्रदेश में बागपत के दौरे पर एक जनसभा में उन्होंने कहा था, “गवर्नर का कोई काम नहीं होता। कश्मीर में जो गवर्नर होता है, वो दारू पीता है और गोल्फ़ खेलता है।


यूपी के बागपत में जन्म, खुद को लोहियावादी बताते हैं सत्यपाल मलिक

सत्यपाल मलिक का जन्म उत्तर प्रदेश में बागपत के हिसावदा गांव में 24 जुलाई 1946 को हुआ। वो खुद को लोहियावादी बताते हैं। लोहिया के समाजवाद से प्रभावित होकर उन्होंने मेरठ कॉलेज छात्रसंघ से राजनीति की शुरुआत की। सत्यपाल मलिक को राजनीति में लाने का काम चौधरी चरण सिंह ने किया। 1974 में चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल की टिकट पर बागपत विधानसभा का चुनाव लड़ा और महज़ 28 साल में विधायक बने।

  • सत्यपाल मलिक का सियासी सफर, एक नजर में

    1974- बागपत से विधायक बने
    1980- लोकदल ने राज्यसभा सांसद बनाया
    1984- कांग्रेस से राज्यसभा सांसद बने
    1989- अलीगढ़ से लोकसभा सांसद बने
    1996- सपा में शामिल हुए, पर चुनाव हार गए
    2004- भाजपा में शामिल हुए, बागपत से चुनाव हारे
    2012- बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए
    2017- बिहार के राज्यपाल बनाए गए
    2018- जम्मू कश्मीर के राज्यपाल
    2019- गोवा के राज्यपाल बनाए गए
    2020- मेघालय के राज्यपाल बनाए गए

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights