पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में महिलाओं के नेतृत्व में हुये हिंसक विरोध प्रदर्शन और कई दिनों तक चले सियासी संग्राम के बाद गुरूवार तड़के 55 दिनों से फरार तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने कहा कि शेख को उत्तर 24 परगना जिले के सुंदरवन के बाहरी इलाके में संदेशखालि से लगभग 30 किमी दूर मिनाखान थाना क्षेत्र में एक घर से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया कि शेख कुछ साथियों के साथ उस घर में छिपा था। उसके अनुसार गिरफ्तार करने के बाद उसे बशीरहाट अदालत में पेश किया गया जिसने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
सफेद कुर्ता-पायजामा पहने शेख सुबह करीब 10 बजकर 40 बजे हवालात से बाहर आया और अदालत कक्ष की ओर चल दिया। उसने वहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों की तरफ हाथ हिलाया।
मुश्किल से दो मिनट तक चली अदालती सुनवाई के बाद पुलिस उसे अज्ञात स्थान पर ले गई।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या पश्चिम बंगाल पुलिस शेख को गिरफ्तार कर सकती है। इसके 24 घंटे के भीतर ही शेख को हिरासत में ले लिया गया।
राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने कहा, ‘‘ अंधकार के बाद उजाला जरूर होता है। मैं इसका स्वागत करता हूं।’’ उन्होंने शेख की गिरफ्तारी के लिए सोमवार रात राज्य सरकार को 72 घंटे की ‘‘समयसीमा’’ दी थी।
राज्यपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह एक अंत की शुरुआत है। हमें बंगाल में हिंसा के चक्र को समाप्त करना होगा। बंगाल के कुछ हिस्सों में गुंडे राज कर रहे हैं। यह खत्म होना चाहिए और गैंगस्टर को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए। ’’
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि अदालत के निर्देश के बाद ही गिरफ्तारी संभव हुई, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘‘ पूर्व नियोजित’’ करार दिया है।
तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने ‘न्यूज एजेंसी’ से कहा, ‘‘कानूनी उलझन के कारण शुरुआत में उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। हालांकि, अदालत द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के बाद कि उसकी गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है, पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपना काम किया। विपक्ष ने उसकी गिरफ्तारी पर लगी ‘रोक’ का फायदा उठाया।’’