सावन के महीने में शिवभक्तों की भारी भीड़ मंदिरों में देखने को मिल रही है। अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सरयू नदी में डुबकी लगाने पहुंचे हैं। सरयू तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है, लोग इस पावन मौके पर सरयू नदी में डुबकी लगा रहे हैं।

वहीं वाराणसी में भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त सावन शिवरात्रि के मौके पर दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। प्रयागराज की बात करें तो मनकामेश्वर मंदिर में शिवरात्रि के मौके पर लोग भोले बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

सावन के पवित्र महीने में शिवरात्रि के शुभ अवसर पर शुक्रवार सुबह दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए। श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना के बाद भगवान शिव से आशीर्वाद मांगा।

मंदिर में लोग जलाभिषेक करते हुए और शिव लिंग पर दही, दूध, शहद, पंचामृत बेलपत्र, फूल और चंदन का लेप चढ़ाते हुए देखे जा सकते हैं। सावन के पवित्र महीने में शिवरात्रि के मौके पर हरिद्वार के कनखल में स्थि दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों की भीड़ देखने को मिली।
बता दें कि सावन शिवरात्रि का हिंदू धर्म में धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टि से बहुत महत्व है। चंद्र मास के 14वें दिन मनाया जाने वाला यह त्यौहार भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है। सावन का महीना जो आमतौर पर जुलाई और अगस्त के बीच आता है, भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित होता है, जिसमें भक्त उपवास करते हैं और तीर्थयात्रा करते हैं।यहीं नहीं सावन के महीने में शिवभक्त कांवड़िए कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। कांवड़ यात्रा एक तीर्थयात्रा है जिसके दौरान कांवड़िये नदी से जल इकट्ठा करते हैं और इसे भगवान शिव के मंदिरों में चढ़ाने के लिए लंबी दूरी तय करते हैं। इस साल की कांवड़ यात्रा 22 जुलाई को शुरू हुई और 2 अगस्त को शिवरात्रि के साथ समाप्त होगी।

 

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