मध्य प्रदेश के मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने महिलाओं को सलाह दी है कि वे अपने पतियों से घर पर ही शराब पीने को कहें ताकि उन्हें शर्म आए और उनकी शराब पीने की आदत धीरे-धीरे छूट जाए। उन्होंने शुक्रवार को भोपाल में ‘नशा मुक्ति अभियान’ से जुड़े एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। हालांकि, विपक्षी कांग्रेस ने कुशवाह के इस बयान की निंदा की और उनसे माफी मांगने को कहा। कांग्रेस ने कहा कि कुशवाह के सुझाव से घरेलू हिंसा की घटनाएं बढ़ेंगी।
राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “इसमें (नशा मुक्ति प्रयासों में) सबसे बड़ा योगदान घर की माताओं और बहनों का है। सबसे पहले, उनसे (पतियों से) कहें कि वे बाहर जाकर बाजार में शराब न पीएं। उनसे कहें कि ‘अगर आप शराब पीना चाहते हैं और भोजन करना चाहते हैं तो मेरे (पत्नियों के) सामने करें’।” उन्होंने कहा कि अगर पुरुष अपनी पत्नी के सामने शराब पीते हैं तो उनकी पीने की सीमा कम होती जाएगी। कुशवाह ने कहा, ‘‘वे धीरे-धीरे (शराब पीने की आदत) छोड़ने की कगार पर आ जाएंगे। उन्हें पत्नी और बच्चों के सामने शराब पीने में शर्म आएगी।”
उन्होंने कहा कि पत्नियों को अपने पतियों को यह भी बताना चाहिए कि भविष्य में उनके बच्चे भी उनकी तरह शराब पीना शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्थानीय स्तर पर समूह बनाकर शराब पीने की आदत वाले लोगों को ‘‘बेलन दिखाना” चाहिए। मंत्री ने बाद में पत्रकारों से कहा कि घर में बच्चों के सामने शराब पीने से पुरुषों को शर्म आएगी और वे अपनी आदत छोड़ने लगेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चे भी अपने पिता को शराब न पीने के लिए कहेंगे, जिसका पिता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कुशवाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता संगीता शर्मा ने कहा कि ऐसी सलाह देकर मंत्री घरेलू हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि घरेलू हिंसा का मुख्य कारण नशा और शराब है। उन्होंने दावा किया कि शराब के कारण होने वाली घरेलू हिंसा के 17,000 से अधिक मामले मध्य प्रदेश महिला आयोग के समक्ष लंबित हैं। शर्मा ने कहा कि मंत्री महिलाओं को अपने पतियों पर बेलन चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे घरेलू हिंसा को बढ़ावा मिलेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि मंत्री को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।