भारत को रूस से कच्चे तेल की खरीद पर जो छूट या रियायत मिल रही थी, अब वह काफी घट गई है।
वहीं दूसरी ओर रूस द्वारा इस तेल के परिवहन के लिए जिन इकाइयों की ‘व्यवस्था’ की गई है, वे भारत से सामान्य से काफी ऊंची दर वसूल रही हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
भारतीय रिफाइनरी कंपनियों से रूस पश्चिम द्वारा लगाए गए 60 डालर प्रति बैरल की मूल्य सीमा से कम की कीमत वसूल रहा है। लेकिन वह कच्चे तेल के परिवहन के लिए 11 से 19 डालर प्रति बैरल की कीमत वसूल रहा है।
यह बाल्टिक और काला सागर से पश्चिमी तट तक डिलीवरी के लिए सामान्य शुल्क का दोगुना है।
मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि रूसी बंदरगाहों से भारत तक परिवहन की लागत 11-19 डॉलर प्रति बैरल बैठ रही है।
पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूसी तेल पर यूरोपीय खरीदारों और जापान जैसे एशिया के कुछ देशों ने प्रतिबंध लगा दिया था।