इलाहाबाद हाईकोर्ट गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर डाली गई जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा। उच्च न्यायालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के जवाब दाखिल करने के बाद इस मामले को लेकर दायर याचिका पर 19 दिसंबर तक निर्णय लेने को कहा था। न्यायमूर्ति अत्ताउ रहमान मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने एस विग्नेश शिशिर द्वारा दायर याचिका पर यह अंतरिम आदेश पारित किया था, जिन्होंने गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाए थे और इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की थी। दावा किया गया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के पास यूनाइटेड किंगडम (यूके) की नागरिकता है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं, जो दर्शाते हैं कि गांधी ब्रिटिश नागरिकता रखते हैं।

याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि गांधी की दोहरी नागरिकता के बारे में उन्होंने दो बार सक्षम प्राधिकारी को शिकायत भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर यह मौजूदा याचिका दाखिल की गई है। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया था।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक साथ भारतीय और किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं रख सकता।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय में गांधी की नागरिकता को लेकर ऐसी ही याचिका दायर की थी। हालांकि, न्यायालय ने कहा था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पीठ के समक्ष दायर याचिकाओं पर स्पष्टता मिलने के बाद वह मामले की सुनवाई करेगा।

याचिका में राहुल गांधी के निर्वाचन को रद्द करने के साथ ही उनके खिलाफ सीबीआई जांच की मांग उठाई गई है। याचिकाकर्ता ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को रोकने का भी आग्रह किया था, लेकिन कोर्ट ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं दिया है।

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