राम मंदिर में प्रतिष्ठा के मुहूर्त को लेकर अयोध्या में मंथन शुरू हो गया है। रामनगरी में तैयार हो रहे भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हो सकती है। विद्वानों ने जो तीन मुहूर्त निकाले हैं, उनमें से 22 जनवरी सर्वोत्तम है। इसी के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि उसी दिन प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। हालांकि, इस बारे में अंतिम फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय को लेना है।
मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर शनिवार को जन्मभूमि परिसर में पूरे दिन बैठक हुई। इसमें प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों पर मंथन किया गया। साथ ही प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में पूरे भारत से लोगों को अयोध्या लाए जाने पर चर्चा हुई।

जानकारी के अनुसार, राम जन्मभूमि मंदिर पर प्राण प्रतिष्ठा के लिए एक सप्ताह का अनुष्ठान किया जाएगा। इसके लिए 16 जनवरी से 22 जनवरी की तिथि तय की जा रही है। इसे काशी, अयोध्या और दक्षिण के वैदिक विद्वान विधि विधान पूर्वक पूरा करेंगे। इसको लेकर मंदिर निर्माण समिति बैठक के साथ विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारी की भी बैठकों का दौरा शुरू हो गया है। जो कि अगले 11 सितंबर तक चलेगी।

अयोध्या में पीएम मोदी के आने की तिथि को लेकर अभी अटकलें लगी हुई है। बताया जा रहा है कि ट्रस्ट की ओर से पहले ही 22, 23 और 24 जनवरी की तिथि को पीएमओ कार्यालय भेजा था, लेकिन अभी कोई निर्णय प्राप्त नहीं हुआ है।

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर तैयारी बड़े स्तर पर की जा रही है। इसके लिए मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक का अंतिम दिन मंदिर के उन कार्य योजनाओं पर मंथन किया गया, जो प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूरा किया जाना है।

 भूमि पूजन के दौरान बाबा रामदेव, स्वामी चिदानंद सरस्वती । फाइल फोटोबताया जा रहा है की जन्म भूमि पथ पर केनोपी और स्वागत गेट बनाए जाने की तैयारी शुरू की जा रही है, लेकिन जन्मभूमि पथ पर तैयार किए गए कई कार्यो के कारण बाधा खड़ी हो रही है और अब उन कार्यों को पूरा तोड़े जाने का कार्य किया जाएगा।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भवन निर्माण समिति की बैठक नृपेंद्र मिश्रा के निर्देशन में हो रही है। यह दो दिवसीय बैठक आज पूरी हो गई है। मकर संक्रांति 2024 तक निर्माण की समीक्षा करना एक बात है, लेकिन स्थलीय निरीक्षण कर अपनी आंखों से देखना, सबके विचार सुनना ताकि निर्णय सही हो, निर्माण कार्य का हम कितना हिस्सा मकर संक्रांति तक पूरा कर सकते हैं इन बिंदुओं की चर्चा निर्माण समिति में हो रही है। समिति की बैठक में ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा और गोपाल जी मौजूद थे।

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