अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से नाराज हो कर आतंकियों ने यहां प्रसिद्ध रामेश्वरम कैफे में बम विस्फोट किया था। आरोपियों ने राम मंदिर उद्घाटन के दिन ही बेंगलूरु में मल्लेश्वरम स्थित भाजपा के मुख्यालय पर आईईडी हमला विफल होने के बाद रामेश्वरम कैफे में बम विस्फोट की योजना बना ली थी। राष्ट्रीय अनुसंधान एजेंसी (एनआईए) ने चार आरोपियों के खिलाफ सोमवार को अदालत में पेश चार्जशीट में यह दावा किया है। एजेंसी ने न्यायिक हिरासत में चल रहे मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मतीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के खिलाफ चार्जशीट पेश की है।
ताहा और शाजिब को एनआईए ने कोलकाता के पास से गिरफ्तार किया था। एनआईए की जांच में पता चला कि ताहा विस्फोट के मास्टरमाइंड के सीधे संपर्क में था, जिसका कोडनेम कर्नल था। ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक खाते खुलवाए थे और डार्क वेब से डाउनलोड किए गए विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी पहचान दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था। जांच एजेंसी के मुताबिक कर्नाटक के शिवमोगा जिले के रहने वाले ताहा और शाजिब आईएसआईएस के कट्टरपंथी हैं और उन्होंने पहले सीरिया में आईएसआईएस के इलाकों में जाने की योजना भी बनाई थी। आरोपी अन्य युवाओं को आईएसआईएस की विचारधारा के प्रति कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। मुनीर और शरीफ कट्टरपंथी विचारों के कारण ही उनसे जुड़े थे।
एनआईए के अनुसार आरोपी ताहा और शाजिब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसा मिला था जिसका इस्तेमाल बेंगलुरु में विभिन्न हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के लिए किया जाना था। एनआईए के अनुसार शाजिब ने कैफे में बम रखा था। एक मार्च को हुए विस्फोट में नौ लोग घायल हुए थे।