लखनऊ: राजनीति कब किस करवट बैठेगी यह कोई नहीं बता सकता, यहां न तो कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है और न ही स्थायी दुश्मन। ऐसा ही नजारा मंगलवार को राजा भैया के आवास पर देखने को मिला। वैसे तो दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। वहीं अखिलेश ने हाथ आगे बढ़ाया है तो देखने वाली बात ये रहेगी कि राजा भैया अखिलेश का ऑफर मानेंगे या नहीं।
दरअसल, अखिलेश ने मंगलवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ के पास भेजा। वहां नरेश उत्तम ने राज्यसभा चुनाव में उनका समर्थन मांगा और अखिलेश से बात भी कराई। दोनों नेताओं के बीच मोबाइल पर काफी देर बात हुई। सूत्र बताते हैं कि समर्थन के बदले अखिलेश यादव ने राजा भैया के सामने लोकसभा सीट देने का प्रस्ताव रखा है। राजा भैया और उनके साथी विधायक की विधानसभा सीटें कौशांबी लोकसभा क्षेत्र में आती है। समाजवादी पार्टी ने यही लोकसभा सीट राजा भैया को ऑफर की है।
राजा भैया के करीबी नेता शैलेंद्र कुमार कौशांबी से सांसद रहे हैं। वे तब समाजवादी पार्टी में थे। अब शैलेंद्र कुमार राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल में हैं। अखिलेश यादव चाहते हैं कि शैलेंद्र कुमार कौशांबी से चुनाव लड़ें। वे जनसत्ता दल के उम्मीदवार होते हैं तो समाजवादी पार्टी उनका समर्थन कर देगी। अभी बीजेपी के विनोद सोनकर यहां से लोकसभा के सांसद हैं, लेकिन राजा भैया और अखिलेश यादव के साथ आ जाने से मुकाबला कांटे का हो सकता है। कौशांबी में राजा भैया का अच्छा ख़ासा प्रभाव है।
यूपी से राज्य सभा की दस सीटों के चुनाव होने हैं। राजा भैया का अपनी एक राजनैतिक दल है। वे ही इस पार्टी के सब कुछ हैं। पार्टी का नाम है जनसत्ता दल। खुद राजा भैया कुंडा से विधायक हैं, जबकि उनकी ही पार्टी के विनोद सरोज बाबागंज से विधायक हैं। सवाल दो वोटों का है। अखिलेश यादव चाहते हैं कि राजा भैया की पार्टी के दोनों वोट राज्यसभा चुनाव में उन्हें मिल जाए। यही प्रस्ताव लेकर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल लखनऊ में रामायण पहुंच गए। राजा भैया के बंगले का यही नाम है।
माना जा रहा है कि सपा के विधायकों की संख्या और पल्लवी पटेल की नाराजगी के बाद राज्यसभा चुनाव में सपा की चुनौती बढ़ गई है। इसे देखते हुए ही अखिलेश ने ‘डैमेज कंट्रोल’ के तहत राजा से दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए उन्हें साधने का प्रयास शुरू किया है। राजा भैया के पास दो विधायक हैं, एक तो कुंडा से वे खुद और दूसरे बाबागंज से विनोद सोनकर। इसलिए अखिलेश चाहते हैं कि राजा साथ आ जाएं तो उनकी चुनौती काफी हद तक कम हो सकती है।