जयपुर। सरकारी भर्तियों के पेपर लीक प्रकरणों के मुद्दे पर सियासी पारा गर्माया हुआ है। चुनावी वर्ष में जहां इस मुद्दे पर राज्य सरकार को चौतरफा घेरने की पुरज़ोर कोशिशों में जुटे हैं, तो वहीं राज्य सरकार भी पलटवार करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ रही है। इसी क्रम में सीएम गहलोत एक बार फिर अपने विरोधियों पर हमलावर हुए हैं।अपनी एक ताज़ा प्रतिक्रया में मुख्यमंत्री ने एक बार फिर पेपर लीक प्रकरणों में राज्य सरकार की सख्ती और भाजपा शासित प्रदेशों में पेपर लीक प्रकरणों को उठाया है।
न्यूज़ चैनल्स की क्लिपिंग की जारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर प्रमुख नेशनल न्यूज़ चैनल्स की खबरों की क्लिपिंग्स के साथ एक पोस्ट शेयर किया। इस वीडियो पोस्ट में न्यूज़ चैनल्स की उन खबरों की क्लिपिंग्स शामिल की गई हैं। इस वीडियो के ज़रिये भाजपा शासित राज्यों में भी पेपर लीक प्रकरण होने की बात आमजन तक पहुंचाने की कोशिश की गई है।
इस वीडियो पोस्ट के साथ मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘किसी भी परीक्षा के पेपर लीक ना हों, इसके लिए राजस्थान सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। भाजपा को ये मानना होगा कि उनके शासित राज्यों में पेपर लीक के मामले सबसे ज्यादा हैं।’
मुख्यमंत्री द्वारा शेयर की गई वीडियो पोस्ट में जिन भाजपा शासित राज्यों में पेपर लीक प्रकरणों का ज़िक्र हुआ है उनमें गुजरात क्लर्क परीक्षा पेपर लीक प्रकरण, उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण, उत्तर प्रदेश 12वीं बोर्ड पेपर लीक प्रकरण, हरियाणा में 10वीं बोर्ड परीक्षा पेपर लीक प्रकरण, हरियाणा में टीजीटी एग्जाम पेपर लीक प्रकरण और असम में 10वीं बोर्ड एग्जाम पेपर लीक प्रकरण शामिल हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में पेपर लीक प्रकरणों को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शनों का भी ज़िक्र है।
राजस्थान में एक के बाद एक सरकारी भर्तियों में पेपर लीक प्रकरणों को विरोधी दलों ने मुद्दा बनाया हुआ है। प्रमुख विरोधी दल भाजपा समेत अन्य दलों ने भी सड़क से लेकर सदन तक इस मुद्दे को पुरज़ोर तरीके से उठाते हुए गहलोत सरकार को घेरने की कोशिश की है। वहीं राजस्थान में सिलसिलेवार हुए पेपर लीक प्रकरणों से जुड़ा मुद्दा संसद तक में उठ चुका है। विरोधी दल इन प्रकरणों की सीबीआई जांच की मांग उठा रहे हैं।