माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बोर्ड परीक्षा को नकल मुक्त करने के लिए कई बड़े बदलाव किए हैं। इस बार पूरी परीक्षा प्रणाली तकनीकी सिस्टम से लैस रहेगी। एक तरफ जहां उत्तर पुस्तिका को सिक्योरिटी सिस्टम से लैस करने के साथ-साथ प्रत्येक पेज की नंबरिंग और क्यूआर कोड होगा। वही कॉपियों को इस बार स्टेपल नहीं किया गया है। कॉपियां धागे से सिली हुई होगी।
यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल अब गुजरे जमाने की बात हो गई। उत्तर प्रदेश सरकार बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। धरातल पर इसका परिणाम दिखने लगा है। परीक्षा केदो को सीसीटीवी कैमरा से लैस करने के साथ-साथ जिला मुख्यालय पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जहां से सभी परीक्षा केदो की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी। कंट्रोल रूम पर मॉनिटरिंग के लिए कई कर्मचारियों की तैनाती की गई है। परीक्षा केदो पर कक्ष निरीक्षक और उड़ाका दल के अलावा स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती होगी। पिछले वर्ष से ही परीक्षा प्रश्न पत्रों को डबल लाक में रखा जा रहा है। प्रश्न पत्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए जीपीएस लगे वाहनों से भेजा जाएगा। अभी तक तमाम सुरक्षा इंतजामों के बावजूद उत्तर पुस्तिका बदल दिए जाने की शिकायत बोर्ड कार्यालय तक पहुंचती रही। कॉपियों के स्टेपल होने के कारण उनके पन्नों को भी बदलने की शिकायत होती रही। इन सभी शिकायतों को देखते हुए बोर्ड ने कड़े इंतजाम किए हैं।
बोर्ड परीक्षा के दौरान एक कमरे में 40 से 60 परीक्षार्थी बैठने की व्यवस्था होती है।परीक्षार्थियों की निगरानी के लिए प्रत्येक कक्ष में दो कक्ष निरीक्षक लगाए जाते हैं। लेकिन इस बार एक कमरे में 40 से अधिक छात्र होने पर तीन कक्ष निरीक्षकों की तैनाती की जायेगी। एक कमरे में 60 से अधिक छात्र नहीं बैठाए जायेंगे।
जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं की पहले खेप जिले में आ गई है। हाई स्कूल की 60 प्रतिशत और इंटरमीडिएट की 10 प्रतिशत उत्तर पुस्तिकाएं मिल गई हैं। कुछ प्रश्न पत्र भी आ गए हैं। इस बार उत्तर पुस्तिकाओं में क्यूआर कोड व्यवस्था लागू की गई है। प्रत्येक पन्ने का क्यूआर कोड होगा। इस कोड के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का बदला जाना संभव नहीं है।