सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई और ऑपरेशन सिंदूर को प्रदर्शित करने के लिए प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में नामित होने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह किसी पार्टी संबद्धता के बारे में नहीं है। जाने से पहले हम अधिक विस्तृत बैठक करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण कार्य है। मैं इस जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाने की पूरी कोशिश करूंगा।
ओवैसी ने कहा कि अभी तक, मुझे पता है कि मैं जिस समूह से जुड़ा हूं, उसका नेतृत्व मेरे अच्छे दोस्त बैजयंत जय पांडा करेंगे। मुझे लगता है कि इस समूह में निशिकांत दुबे, फांगनन कोन्याक, रेखा शर्मा, सतनाम सिंह संधू और गुलाम नबी आज़ाद शामिल होंगे। मुझे लगता है कि हम जिन देशों में जाएंगे, वे हैं यूके, फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, इटली और डेनमार्क। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाकर पाकिस्तान द्वारा बनाए जा रहे कथानक को समाप्त करने के लिए यह पहल की है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का भारत का संदेश लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जाएंगे, जिनमें से कुछ प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ दलों के नेता जबकि कुछ की अगुवाई विपक्षी दलों के नेता करेंगे। सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने के लिए जिन नेताओं का चयन किया है, उनमें सत्तारूढ़ दलों से भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद व बैजयंत पांडा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता संजय झा, विपक्षी दलों में कांग्रेस के शशि थरूर, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राकांपा-एसपी की सुप्रिया सुले शामिल हैं।