रूस की राजधानी मॉस्को में शुक्रवार को कई बंदूकधारियों ने एक बड़े समारोह स्थल पर लोगों पर स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी की जिसके कारण 60 लोगों की मौत हो गई और 145 से अधिक लोग घायल हो गए। हमलावरों ने गोलीबारी के बाद समारोह स्थल को आग लगा दी। इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
कुछ दिन पहले ही देश में हुए चुनाव में जीत हासिल कर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सत्ता पर अपनी पकड़ को और मजबूत किया था।
इस्लामिक स्टेट समूह ने सोशल मीडिया पर संबद्ध चैनलों पर साझा किए गए एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली। इस्लामिक स्टेट समूह ने अपनी समाचार एजेंसी अमाक द्वारा साझा किए गए एक बयान के जरिए कहा कि उसने मॉस्को के बाहरी इलाके क्रास्नोगोर्स्क में ‘ईसाइयों’ की एक बड़ी सभा पर हमला किया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हो गए।
फिलहाल दावे की प्रामाणिकता सत्यापित नहीं की जा सकी है लेकिन एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी को पता चला था कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट समूह की शाखा मॉस्को में हमले की योजना बना रही थी और उन्होंने रूसी अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की थी।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि छापे के बाद हमलावरों का क्या हुआ। इसे रूस में पिछले दो दशक में हुआ सबसे भीषण आतंकी हमला माना जा रहा है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब देश का यूक्रेन के साथ युद्ध तीसरे साल भी जारी है।
मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने हमले को ‘‘बहुत बड़ी त्रासदी’’ बताया।
रूस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास ‘क्रेमलिन’ ने बताया कि हमलावरों के ‘क्रोकस सिटी हॉल’ में हमला करने के कुछ ही मिनट बाद पुतिन को इस बारे में सूचित कर दिया गया था। यह हॉल मॉस्को के पश्चिमी छोर पर स्थित एक बड़ा संगीत स्थल है, जिसमें 6,200 लोग बैठ सकते हैं।
यह हमला तब हुआ जब क्रोकस सिटी हॉल में प्रसिद्ध रूसी रॉक बैंड ‘पिकनिक’ के एक संगीत कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोगों की भीड़ जमा थी। राज्य की शीर्ष आपराधिक जांच एजेंसी ‘जांच समिति’ ने शनिवार तड़के बताया कि इस हमले में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने 145 घायलों की सूची जारी की जिनमें से 115 अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं।
कुछ रूसी समाचार रिपोर्ट में बताया गया है कि हमलावरों द्वारा विस्फोटक फेंकने के बाद लगी आग में और अधिक पीड़ितों के फंसे होने की आशंका है।