मेरठ के परीक्षितगढ़ थाने में तैनात एक दरोगा समेत 2 पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों ने अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए बंधक बनाकर पीटा। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गोविंदपुरी गांव में ग्रामीणों ने परीक्षितगढ़ थाने में तैनात दरोगा सत्येंद्र और प्रशिक्षु उप निरीक्षक शिवम को शनिवार रात बंधक बना कर उनसे मारपीट की गई। उसने बताया कि सूचना पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बताया कि पुलिस अधिकारियों के सामने ही ग्रामीणों ने कई घंटे तक हंगामा किया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दरोगा सत्येंद्र कई दिनों से दुकानदारों को परेशान कर रहा था और आए दिन किसी न किसी को डरा-धमकाकर वह अवैध वसूली करता था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वह विरोध करने पर जेल भेजने की धमकी देता था। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने दोनों उपनिरीक्षकों को निलंबित करने और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। पुलिस क्षेत्राधिकारी (देहात) नवीना शुक्ला ने ग्रामीणों को किसी तरह शांत किया और दोनों दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया जिसके बाद ही ग्रामीणों ने दोनों को छोड़ा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने घटना के बारे में पूछने पर एक न्यूज एजेंसी को इतना ही बताया कि ग्रामीणों ने दोनों दारोगा पर अवैध वसूली का आरोप लगाया है जिसके कारण घटना हुई है। आरोपी पुलिसकर्मियों और उनकी पिटाई करने वाले ग्रामीणों पर कानूनी कार्रवाई की बाबत पूछने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी (सदर) को दी गई है और जांच रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
उधर, गांववालों का आरोप है कि परीक्षितगढ़ थाने में तैनात दरोगा सत्येंद्र और प्रशिक्षु दरोगा शिवम गोविंदपुरी गांव में दीपावली पर पटाखों की बिक्री करा रहे थे जिसके लिए वे दुकानदारों से ‘‘अवैध वसूली” कर रहे थे। आरोप है कि शनिवार रात भी सत्येंद्र अपने साथी दरोगा शिवम के साथ शराब के नशे में गांव गोविंदपुरी में ‘‘वसूली” करने पहुंचे थे। ग्रामीणों का आरोप है कि इस दौरान दरोगा ने वसूली का विरोध करने पर गांव वालों के साथ अभद्रता करते हुए अपशब्द कहे और उन्हें जेल भेजने की धमकी दे दी जिसके बाद बाद ग्रामीण उग्र हो गए और दोनों को बंधक बना लिया।