कानपुर में कैदियों के मनोरंजन और उनकी मानसिक सेहत सुधारने के लिए जेल में रेडियो एफएम की शुरूआत की जा रही है। कैदियों को प्रसिद्ध रेडियो जॉकी प्रशिक्षित करेगें, एफएम में सुनाई देंगे फरमाईशी गीत और जेल की सूचनाएं…
कानपुर। संजू मूवी में आपने रणबीर कपूर को जेल से रेडियो संचालन करते तो देखा ही होगा। जी हां, ठीक उसी तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला कारागार में भी जल्द ही एक रेडियो स्टेशन का संचालन शुरू किया जाएगा। इसमें रेडियों जॉकी के रूप में जेल में बंद कैदी ही काम करेंगे। संभावना है की 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रेडियो स्टेशन की शुरुवात की जा सकती है।
कानपुर जेल अधीक्षक बीड़ी पांडे ने जानकारी दी कि कैदियों के जीवन स्तर में बदलाव के लिए रेडियो की स्थापना की जा रही है। इस रेडियों एफएम में कैदियों द्वारा स्वरचित कविताओं और गीतों के साथ-साथ जेल में दिनभर की गतिविधियों को समाचार के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। देशभक्ति और भक्ति से जुड़े गाने भी प्रसारित किये जायेंगे। इस जेल में रेडियो जॉकी की भूमिका कैदी खुद निभाएंगे।
जेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके लिए सजायाफ्ता कैदियों की एक टीम बनाई जा रही है, जिनकी भाषा और लहजा दोनों अच्छा हो। उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जेल में रेडियो के लॉचिंग की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। इसे स्वतंत्रता दिवस पर लॉन्च किया जाएगा। कैदियों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का लक्ष्य रखते हुए प्रत्येक बैरक में स्पीकर और सिस्टम लगाए गए हैं, जिससे कैदी प्रतिदिन सुबह और शाम रेडियो के माध्यम से स्वस्थ मनोरंजन प्राप्त कर सकेंगे।
यह एफएम रेडियो की तरह काम करेगा और इसकी फ्रीक्वेंसी पूरे जेल परिसर में होगी। यह पहल कैदियों में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को लेकर की जा रही है। जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडे ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य कैदियों की मानसिक स्थिति में सुधार करना है। इस पहल से कैदियों की मानसिक स्थिति में सुधार होगा। रेडियो के माध्यम से संगीत की मदद से बंदियों को लोक अदालत की तरह जेल प्रशासन की समय सारिणी और केस से जुड़ी जरूरी जानकारी दी जाएगी। ताकि, वे उसके मन और मस्तिष्क पर जाने-अनजाने में किए गए अपराध के प्रभाव को कम करके उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कर सकें।
कानपुर जेल में शुरू होने वाले रेडियो एफएम के लिए इन दिनों ऑडिशन जैसी प्रक्रिया चल रही है। कैदियों से बात की जा रही है। उनका उच्चारण परखा जा रहा है। उन कैदियों को चिन्हित किया जा रहा है, जिनका बात करने का लहजा अच्छा हो। चुने हुए कैदियों को प्रसिद्ध रेडियो जॉकी के द्वारा प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, जिससे एफएम अच्छे से कार्य कर सके। प्रारंभ में इसकी फ्रिक्वेंसी जेल तक सीमित रखी जाएगी, फिर इसका विस्तार किया जाएगा।