मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र में गांव खुब्बापुर में प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका ने पांच का पहाड़ा न सुना पाने पर सहपाठियों से एक बच्चे की पिटाई करवाई थी। इस दौरान आरोपित शिक्षिका ने धार्मिक टिप्पणी भी की थी। जिसके बाद शिक्षिका के विरुद्ध एफआईआर हुई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शासन ने आईजी मेरठ को जांच अधिकारी नामित किया है।
गत माह 25 अगस्त को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद जिले भर में खलबली मच गई थी। पुलिस के अनुसार, मंसूरपुर के गांव खुब्बापुर में रविंद्र कुमार व उसकी पत्नी तृप्ता त्यागी नेहा पब्लिक स्कूल संचालित करते है। इसी गांव के रहने वाले एक व्यक्ति का 8 वर्ष का बेटा स्कूल में 2 वर्ष से पढ़ता है। गत दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने पर स्कूल व शिक्षिका की कार्यप्रणाली चर्चा का विषय बन गई।
वायरल वीडियो में कुर्सी पर बैठी शिक्षिका छात्र के धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रही है। वह पहले एक छात्र से पीड़ित के गाल पर थप्पड़ लगवाती है। इसके बाद दो अन्य सहपाठियों को बुलाकर गाल और पीठ पर पिटाई कराती है। यह मामला सामाजिक और राजनीतिक रूप से मुखर हो गया था। इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश शासन को आदेश दिए थे की किसी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से मामले की जांच कराई जाए। शुक्रवार देर रात शासन ने इस मामले की जांच के लिए आईजी मेरठ नचिकेता झा को नामित किया है।