मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने कैराना देवी मंदिर में हुए नरेंद्र हत्याकांड की सुनवाई कर 8 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक आरोपी की मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही मौत हो चुकी है। मौजूदा जनपद शामली के कस्बा कैराना देवी मंदिर में 17 वर्ष पूर्व दो पक्षों में संघर्ष हो गया था। संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हुई थी। जबकि काफी लोग घायल हुए थे।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण शर्मा और बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद ने बताया कि कैराना देवी मंदिर के सचिव राजकुमार की पत्नी मिथिलेश ने मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि उनके पति राजकुमार पुत्र रघुवीर 23 सितंबर 2006 को प्रातः 8:00 बजे मंदिर में नवरात्र के अवसर पर पूजा के लिए गए थे। आरोप था कि पूजा के दौरान उनके पति राजकुमार और अन्य लोगों पर धारदार हथियारों से हमला बोलते हुए फायरिंग की गई थी। जिसमें नरेंद्र पुत्र प्रीतम सिंह निवासी खेड़ीकरमु की गोली लगने से मौत हो गई थी।

बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद ने बताया कि मिथिलेश की तहरीर पर पुलिस ने अमरनाथ पुत्र सुगन चंद निवासी इकराम पुरा शामली, रमेश चंद पुत्र नंदलाल निवासी थाना भवन, जगमिंदर पुत्र खादीराम, राजकुमार पुत्र अवध प्रसाद और रमन पुत्र रामकुमार निवासी गण कैराना तथा सुभाष चंद्र पुत्र आत्माराम, पदम सेन पुत्र खादी राम, संजय पुत्र आत्माराम, कमल पुत्र सुभाष चंद्र निवासीगण चौक बाजार कैराना के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। बताया कि अमरनाथ पुत्र सुगन चंद की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।

वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 3 गोपाल उपाध्याय ने की। उन्होंने बताया की सभी 8 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि सभी दोषियों पर 35-35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

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