जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का कहना है कि मौजूदा लोकसभा चुनाव महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर लड़ा जाना चाहिए, न कि ‘तुच्छ’ पाकिस्तान के मुद्दे पर।
गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय और स्थानीय दोनों स्तरों पर चुनावों में पाकिस्तान को शामिल करने का एक नया चलन सामने आया है।
पिछले 75 सालों में पाकिस्तान सबसे कमजोर स्थिति में है। पाकिस्तान जैसे महत्वहीन मुद्दे को महत्वपूर्ण बनाया जा रहा है। भारत में महंगाई और बेरोजगारी जैसे बड़े मुद्दे हैं।
उन्होंने चुनावों में पाकिस्तान को मुद्दा बनाए जाने पर निराशा जताई। उनका कहना है कि बाहरी मुद्दों के बजाय महंगाई और बेरोजगारी जैसे आंतरिक मामलों को प्राथमिकता देने की जरूरत है।
इस बार का लोकसभा चुनाव पिछले चुनावों से बिल्कुल अलग है। बहुत ज्यादा बदनामी हो रही है। हर राजनीतिक दल अपनी धाक जमाने की कोशिश कर रहा है जो राजनीति के लिए अच्छा नहीं है।
गुलाम नबी आजाद ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर क्षेत्रीय राजनीतिक दलों पर भी हमला किया।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद स्थानीय पार्टियों ने क्या किया? अनुच्छेद 370 के निरस्त होने पर किसी कश्मीरी सांसद ने कुछ नहीं कहा। जो लोग मुझे भाजपा समर्थक बता रहे हैं, वे पहले भाजपा का हिस्सा थे। आरोपों का कोई मतलब नहीं है।