एमपी के मदरसों में क्या बच्चों को स्कूली शिक्षा से दूर रखा जा रहा है. शिकायत मिलने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग मामले की जांच में जुट गया है. विभाग की जांच में सामने आया है कि मदरसों में दाखिला लेने वाले आधे से भी कम छात्र 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए. सरकार अब इस बात की जांच कर रही है कि जब बच्चे परीक्षा ही नहीं दे रहे तो वे मदरसों में क्या पढ़ रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में गुरुवार को हुई पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा में मदरसों से केवल 10 हज़ार बच्चे ही शामिल हुए, जबकि इन कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों (Madrasa Students) की संख्या 25 हजार है. इसका मतलब ये हुआ कि आधे बच्चे भी परीक्षा में शामिल नहीं हुआ हैं. स्कूल शिक्षा विभाग को आशंका है कि कहीं बड़ी संख्या में बच्चों का परीक्षा में ना बैठना कहीं सोची समझी साजिश तो नहीं है.
विभाग के अफसर इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या मदरसों (Madrasa Students) में पढ़ने वाले बच्चों को खास मंशा से स्कूली शिक्षा से दूर तो नही रखा जा रहा. इस बात की भी तहकीकात की जा रही है कि कहीं मदरसों के बच्चों को दूसरी गतिविधियों में तो लिप्त नहीं किया जा रहाहै. सरकार के निर्देश के बाद अब अधिकारी इन सब बिंदुओं पर अपनी जांच करने में जुटे हैं.
बताते चलें कि मध्य प्रदेश में कुल 1755 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. इनमें से 1291 मदरसों को सरकार से अनुदान मिलता है. अनुदान प्राप्त इन 1291 में से .. 1259 मदरसों के बच्चे ही अर्धवार्षिक परीक्षा में बैठे, जबकि सालाना परीक्षा में महज 850 मदरसों के बच्चे शामिल हुए. अब इन मदरसों को दिए जाने वाले अनुदान पर भी सवाल उठ रहा है. आशंका जताई जा रही है कि क्या बच्चों की संख्या ज्यादा दिखा कर सरकार से अनुदान ऐंठा जा रहा है.
राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि पूरे मामले की जांच चल रही है. इस बात की तहकीकात की जा रही है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को स्कूली शिक्षा से दूर क्यों रखा जा रहा है. यही नहीं, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक हजार से ज्यादा अवैध मदरसे (Madrasa Students) भी चोरी-छुपे चल रहे हैं, जिनका सरकार के पास कोई हिसाब किताब ही नहीं है. सरकार के इस बात की जानकारी भी नहीं है कि इन अवैध मदरसों में बच्चों को आखिर पढ़ाया क्या जा रहा है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे पास इन अवैध मदरसों पर कार्रवाई का अधिकार नहीं है. अगर वहां पर कोई गलत गतिविधियां संचालित हो रही हैं तो गृह विभाग मामले की जांच करेगा. इस बारे में सरकार के साफ निर्देश हैं कि अगर धार्मिक कट्टरता या अन्य गतिविधियां संचालित होती है, जो देश के संविधान के खिलाफ है उन पर सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने सभी मदरसों को निर्देश दिया कि वे बच्चों को 5वीं- 8वीं के बोर्ड एग्जाम की तैयारी करवाएं, जिससे उनका करियर बर्बाद न हो सके.