मणिपुर राज्‍य जिसने तीन महीने तक जातीय संघर्ष के कारण हिंसा का सामना किया वहां पर काफी हद तक अब हालात अब सामान्‍य हो चुके हैं। इस हिंसा के चलते मणिपुर की प्रदेश सरकार लगातार घिर रही है। वहीं अब प्रदेश के संवैधानिक संकट को देखते हुए मणिपुर सरकार ने राज्‍यपाल से 29 अगस्‍त को विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने की सिफारिश की है।

मंगलवार को मुख्‍यमंत्री कार्यालय ने ये जानकारी दी है कि मणिपुर की सरकार ने राज्‍यपाल से अगला विधानसभा सत्र बुलाने के लिए फिर से उनके पास एक बार फिर सिफारिश भेजी है।

साथ ही ये बताया गया है कि मणिपुर विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के एक इमरजेंसी रूल के तहत अधिसूचित किया जाएगा।

सीएमओ कार्यालय ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट ने सोमवार को अगला सत्र 29 अगस्त से बुलाने का फैसला किया।

मुख्‍यमंत्री कार्यालय ने बताया कि प्रदेश के मुख्‍यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने 29 अगस्त को 12वीं मणिपुर विधानसभा का चौथा सत्र (मानसून सत्र) बुलाने का निर्णय लिया गया है और इसके लिए प्रदेश राज्‍यपाल से गुजारिश की है।

बता दें इससे पहले मणिपुर में 21 अगस्‍त से विधानसभा सत्र आयोजित करने की कैबिनेट की सिफारिश 4 अगस्त को राज्यपाल को भेजी गई। तब राज्‍यपाल ने अनुमति नहीं दी थी जिसके बाद राज्‍य बीरेन सिंह सरकार अनिश्चितता में चली गई क्योंकि सदन का सत्र 2 सितंबर के बाद से नहीं हो सका है। वहीं प्रदेश की विपक्षी पार्टी ने गुस्‍सा निकालने हुए इसे संघर्षग्रस्त राज्य में “संवैधानिक संकट” करार दिया है।

गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई दो समुदायों के बीच जातीय हिंसा के चलते राज्‍य में 150 की मौत हो गई वहीं मणिपुर के 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं।

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