देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की राजधानी में हिंसा फिर से भड़क उठी है। ऐहतियातन शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सेना को वापस बुला लिया गया है। हिंसा से प्रभावित शहरों में कई दिनों की शांति के बाद आज सोमवार की दोपहर फिर से दोनों समुदायों में संघर्ष देखने को मिला। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक राज्य की राजधानी इंफाल के न्यू चेकॉन इलाके में मैतई और कुकी समुदाय के बीच सोमवार की दोपहर मामूली झड़प हुई थी। लेकिन देखते ही देखते दोनों समुदायों के बीच इस मामले ने भीषण रूप ले लिया। पूरे इलाके में आगजनी होने लगी। सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल होने लगा। उसके बाद प्रशासन ने राजधानी में कर्फ्यू लगाया है और इंटरनेट सेवाओं को एक बार फिर पांच दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया गया है ताकि अफवाहों और गलत सूचनाओं के प्रसार में लगाम लगाया जा सके।
मणिपुर में भड़की ताजा हिंसा पर सीएम ने दी जानकारी
सोमवार को मणिपुर में भड़की हिंसा के मामले में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि आज एक पूर्व विधायक सहित तीन लोगों को इंफाल पूर्व में न्यू चेकॉन (न्यू लेम्बुलेन) में विक्रेताओं और दुकानदारों को धमकाने के आरोप में पुलिस ने उठाया है। उनसे से पूछताछ की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों के पास से तीन बंदूकें बरामद हुई थी। सीएम ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह स्थिति पर नजर बनाए हैं। सीएम ने लोगों से राज्य सरकार पर भरोसा करने की अपील की।
एक महीने से हिंसा में जल रहा मणिपुर, जा चुकी 70 जानें
गौरतलब हो कि मणिपुर पिछले एक महीने से हिंसा की आग में जल रहा है। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के विरोध में लोगों ने एकजुटता मार्च निकाला था। इस हिंसा में 70 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं इस हिंसा के चलते हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था।
अफवाह नहीं फैले इसलिए इंटरनेट बंद
मणिपुर में करीब 3 हफ्ते पहले भी इन दोनों समुदायों के बीच भयंकर हिंसा भड़की थी। उस समय अफवाहों और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी। जिससे राज्य के लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
सुरक्षा के बीच जरूरी सामानों की हो रही आवाजाही
अभी राज्य में आवश्यक वस्तुओं को लाने के लिए ट्रकों की विशेष सुरक्षा के बीच आवाजाही जारी है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यहां किसी भी प्रकार की जरूरी सामान की कोई कमी ना हो और लोग भूख और प्यास से परेशान ना हो।