मणिपुर में भीड़ द्वारा हथियार लूटने की कोशिश को इंडियन रिजर्व्ड बटालियन ने विफल कर दिया है। मंगलवार को मणिपुर के थोबल जिले में भीड़ ने आईआरबी के कैंप से हथियार लूटने की कोशिश की थी, जिसके बाद भीड़ और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हुई थी, इस दौरान 27 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी जबकि असम राइफल्स का एक जवान को गोली लग गई थी।

उग्र भीड़ ने खांगबोक स्थित आईआरबी की तीसरी बटालियन में घुसकर हथियार लूटने की कोशिश की थी। इसके तुरंत बाद सुरक्षाकर्मियों और भीड़ के बीच झड़प शुरू हो गई। सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, भीड़ पर रबर बुलेट से फायरिंग की, लेकिन जब भीड़ की ओर से गोलीबारी शुरू हुई तो सुरक्षाकर्मियों ने भी जवाबी फायरिंग की।

भीड़ ने कैंप की ओर जाने वाले कई रास्तों को बंद कर दिया था ताकि यहां मदद नहीं पहुंच सके, लेकिन सुरक्षाकर्मी इसके बावजूद यहां पहुंचे। भीड़ ने असम राइफल्स के जवानों पर गोली चलाई, जब ये लोग कैंप आ रहे थे। भीड़ की ओर से चली गोली से एक जवाब घायल हो गया, जबकि एक गाड़ी को उग्र भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। जवान के पैर में गोली लगी थी।

इस हिंसा में रोनाल्डो नाम के व्यक्ति को गोली लगी थी। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई। इस हमले में 10 और लोग घायल हुए हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

बता दें कि मणिपुर में ट्राइबल सोलिडैरिटी मार्च के दौरान 3 मई को हिंसा भड़की थी। यह मार्च मैतेई समुदाय के खिलाफ निकाला गया था। मणिपुर हिंसा में अबतक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग इस हिंसा में घायल हो चुके हैं।

हजारों लोग शरणार्थी कैंप में रह रहे हैं। मणिपुर में 53 फीसदी आबादी मैतेई समुदाय की है और अधिकतर लोग इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं आदिवासी नागा और कुकीस की आबादी 40 फीसदी है जोकि पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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