मणिपुर मसले को लेकर संसद में तीन दिनों से लगातार हंगामा हो रहा है। इस बीच विपक्ष के कई सांसद संसद के बाहर महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने धरना दे रहे हैं। विपक्षी सांसद मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पूरे मसले पर विस्तार से बयान देना चाहिए।
विपक्ष के तमाम सांसद इंडिया फॉर मणिपुर की तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमे आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के सांसद शामिल हैं, ये सांसद बीती रात 11 बजे तक इन तख्तियों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते नजर आए। इन सांसदों ने बीती रात यहीं गुजारी है।
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस ने कहा कि लगातार तीसरे दिन संसद नहीं चली क्योंकि सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है, पीएम मोदी विस्तृत बयान देने के लिए तैयार नहीं हैं। कई विपक्ष के सांसदों ने मणिपुर मसले पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था।
विपक्ष की मांग है कि सभी दलों को बिना समय की पाबंदी के इस मुद्दे पर बोलने दिया जाए। मानसून सत्र की शुरुआत गुरुवार को हुई है, लेकिन उसके बाद से लगातार विपक्ष इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहा है।
वहीं सरकार ने आरोप लगाया है कि विपक्ष बहस से भाग रहा है। सरकार ने विपक्ष की गंभीरता पर भी सवाल खड़ा किया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार असंवेदनशील है। हमारी मांग है कि पीएम को सदन में आना चाहिए और बयान देना चाहिए। हम बयान पर चर्चा के लिए तैयार हैं। आप बाहर बोल रहे हैं लेकिन अंदर नहीं बोल रहे हैं, यह संसद का अपमान है। यह गंभीर मसला है।