उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाती आई है। योगी सरकार की इसी नीति की बदौलत वर्ष 2006 के बैच के आईएएस अधिकारी पर गाज गिर गई है। आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया है।

इनके साथ अबतक 11 आईएएस अधिकारियों पर गाज गिरी है। अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। राज्य सरकार ने इन अधिकारियों को निलंबित किया है। इनमें से कई अधिकारी जांच के बाद बहाल हो चुके है। वर्ष 2014 बैच के आईएएस अधिकारी घनश्याम सिंह को लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश में गड़बड़ी के मामले में पिछले साल 13 नवंबर को निलंबित कर दिया गया था। आईएएस अधिकारी घनश्याम सिंह को अब बहाल किया जा चुका है।

बता दें कि जुलाई 2024 में उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2012 बैच के आईएएस अधिकारी देवीशरण उपाध्याय को पद से निलंबित कर दिया था। प्रयागराज स्थित सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद में उनकी तैनाती थी। इस तैनाती के दौरान उनपर आरोप लगा था कि मनमाने तरीके से उन्होंने अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टे बहाल किए है। वहीं 31 मार्च 2022 को सोनभद्र के अधिकारी डीएम टीके शीबू भी निलंबित किए गए थे जो अब ड्यूटी पर लौटे है।

जानकारी के मुताबिक सुनील कुमार वर्मा को पद का दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया है। वो भी ड्यूटी पर बहाल किए गए है। वर्ष 2011 के बैच के आईएएस अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय उन्नाव में निलंबित हुए थे, जब वो डीएम पद पर थे। उन पर आरोप था कि उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग में हुई खरीद में वित्तीय अनियमितता की थी। उन्हें भी सरकार के आदेश के बाद बहाल किया गया है। उनके अलावा 2011 बैच के अधिकारी अमरनाथ उपाध्याय डीएम महाराजगंज निलंबित हुए थे जिन पर गोसंरक्षण केंद्रों के बजट में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था। उन्हें बहाल किया गया। वहीं केदारनाथ सिंह पर्यटन विभाग में तैनात रहते हुए निलंबित हुए थे। अब तक कई अधिकारी सस्पेंड होने के बाद वापस बहाल हो चुके है।

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