उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि भारत दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र है और किसी को इसकी छवि खराब करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। धनखड़ ने यहां डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग यह झूठी बात फैलाकर देश के बाहर उसकी लोकतांत्रिक छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत में लोगों को उनके अधिकार प्राप्त नहीं हैं।

उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा, ‘‘जब सब कुछ ठीक चल रहा है, तो किसी को हमारे लोकतंत्र को बदनाम क्यों करना चाहिए? देश के बाहर और अंदर यह बात क्यों करनी चाहिए कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्य नहीं हैं? मैं पूरे विश्वास से और बिना किसी डर के दावा करता हूं कि भारत आज धरती पर सबसे जीवंत लोकतंत्र है।” उपराष्ट्रपति ने छात्रों, युवाओं, बुद्धिजीवियों और मीडिया से ‘देश के राजदूत’ के रूप में काम करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि इस तरह के विमर्श का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है और ‘‘हम उन लोगों का समर्थन नहीं कर सकते जो देश के अंदर और बाहर हमारी विकास यात्रा और लोकतांत्रिक मूल्यों को दागदार कर रहे हैं।” उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संसद संवाद, चर्चा और विचार-विमर्श के लिए है और अवरोध तथा हंगामे की जगह नहीं है।

 

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