असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से झारखंड में भर्ती अभियान के दौरान अभ्यर्थियों की मौत की जांच करने का अनुरोध करेगी। शर्मा ने दावा किया कि झारखंड में ‘अत्यधिक गर्मी’ के कारण आबकारी कांस्टेबल पद के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान 15 अभ्यर्थियों की जान चली गई। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को शारीरिक दक्षता परीक्षा तुरंत 15 सितंबर तक स्थगित कर देनी चाहिए।
झारखंड पुलिस के मुताबिक, अब तक 12 अभ्यर्थियों की मौत की खबर है, जबकि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मृतकों की संख्या चार बताई है। शर्मा ने कहा, ‘‘भाजपा एनएचआरसी से अभ्यर्थियों की मौत की जांच करने का आग्रह करेगी। हेमंत सोरेन सरकार को जान गंवाने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी के परिजन को 50 लाख रुपये और एक नौकरी प्रदान करनी चाहिए। यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो भाजपा (राज्य में) सत्ता में आने के बाद उनके परिवार के सदस्यों को नौकरियां प्रदान करेगी।’’
झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भाजपा पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को एक-एक लाख रुपये देगी। झारखंड में आबकारी कांस्टेबल भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा 22 अगस्त को छह जिलों के सात केंद्रों पर शुरू हुई जो नौ सितंबर तक चलेगी।