पाकिस्तान में आतंकवाद और उग्रवाद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में, मंगलवार को बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर एक भयावह हमला हुआ, जहां उग्रवादियों ने एक बस रोककर सात पंजाबी यात्रियों की निर्मम हत्या कर दी।

बस से उतारकर दी गई मौत

यह घटना मंगलवार देर रात बलूचिस्तान के बरखान जिले के पास हुई, जब क्वेटा से लाहौर जा रही एक बस को बंदूकधारी उग्रवादियों ने रोका। उन्होंने बस में घुसकर यात्रियों के पहचान पत्र चेक किए और उनमें से सात पंजाबी यात्रियों को चुनकर बस से नीचे उतारा। इसके बाद सभी को गोली मार दी गई, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

Tragedy strikes in Balochistan!
7 passengers from Punjab killed in a militant attack on a Quetta-Lahore bus in Barkhan district. Incident occurred on Quetta-DG Khan highway. #Balochistan #Pakistan pic.twitter.com/P9G1tXwwdp

— Farhan Khan (@TheFarhanAKhan) February 18, 2025

बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली जिम्मेदारी

इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान में सक्रिय उग्रवादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है। संगठन ने दावा किया कि यह हमला पाकिस्तानी सेना की ज्यादतियों के जवाब में किया गया है। बीएलए का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना बलूच नागरिकों को जबरन गायब कर रही है और यह हमला उसकी प्रतिक्रिया के रूप में किया गया। बीएलए की इंटेलिजेंस विंग ‘जीरब’ ने जानकारी दी थी कि बस में पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े लोग सवार थे। हालांकि, पाकिस्तानी मीडिया इसे आम नागरिकों पर हमला बता रही है और इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है।

आतंक और असुरक्षा के साए में पाकिस्तान

बलूचिस्तान लंबे समय से उग्रवादी हमलों का केंद्र बना हुआ है। हाल के वर्षों में इस प्रांत में पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ कई हमले हुए हैं। विशेष रूप से पंजाबी और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता रहा है। इस घटना ने पाकिस्तान में सुरक्षा हालात को लेकर एक बार फिर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है। 

सबसे गरीब और सबसे कम आबादी वाला क्षेत्र है बलूचिस्तान
बलूचिस्तान आज भी पाकिस्तान का सबसे गरीब और सबसे कम आबादी वाला क्षेत्र बना हुआ है, जहां दशकों से अलगाववादी आंदोलन सक्रिय हैं। 2005 में पाकिस्तानी सेना ने इन अलगाववादियों के खिलाफ व्यापक सैन्य अभियान चलाया, लेकिन स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) में बलूचिस्तान एक महत्वपूर्ण केंद्र है, लेकिन यहां के अलगाववादी और राजनीतिक दल इस परियोजना का लगातार विरोध कर रहे हैं। बलूच अलगाववादियों का आरोप है कि चीन यहां अपनी आर्थिक परियोजनाओं के जरिए क्षेत्र को उपनिवेश बनाने की कोशिश कर रहा है। वे यह भी दावा करते हैं कि इन प्रोजेक्ट्स में स्थानीय लोगों की सहमति नहीं ली जाती, जिससे उनकी अनदेखी और शोषण हो रहा है।

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