जिले के इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य योगेंद्र बहादुर सिंह हत्याकांड का खुलासा करते हुए मंगलवार को भदोही पुलिस ने बताया कि 27 साल पहले इस कॉलेज में नियुक्त अजय बहादुर सिंह की हत्या का बदला लेने के लिए उनके बेटे ने सुपारी देकर प्रधानाचार्य की हत्या कराई थी। पुलिस अधीक्षक मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि योगेंद्र बहादुर सिंह और उनके भाई अनिल सिंह ने कथित तौर पर अजय बहादुर की हत्या की थी जिसके बाद योगेंद्र खुद इस कॉलेज में अध्यापक बन गए।

उन्होंने बताया कि अजय बहादुर की हत्या के मामले में योगेंद्र बहादुर और उनके भाई अनिल के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, लेकिन 2002 में दोनों आरोप से बरी हो गए। घटना के समय अजय बहादुर का बेटा सौरभ सिंह बहुत छोटा था जो अब 26 साल का हो गया है। मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि योगेंद्र बहादुर सिंह हत्याकांड में पुलिस और सर्विलांस टीम ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से एक टाटा सफारी गाड़ी बरामद की जो इस घटना से जुडी थी। उन्होंने बताया कि इस आधार प्रयागराज जिले के शिवकुटी निवासी सौरभ सिंह और इसी जिले के फूलपुर निवासी मोहम्मद कलीम को पकड़ा गया।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पूछताछ करने पर दोनों ने कबूल किया कि उन्होंने प्रधानाचार्य योगेंद्र की हत्या के लिए पांच लाख रुपए की सुपारी प्रतापगढ़ के शूटर को दी थी। पुलिस की टीम इन शूटर को पकड़ने का प्रयास कर रही है। गत 21 अक्टूबर को इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य योगेंद्र बहादुर सिंह (56) की उस वक्त गोली मार कर हत्या की गई जब वह सुबह अपनी कार से कॉलेज के लिए निकले थे।

 

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