मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के एक-एक गांव में बिजली पहुंचाने का वादा पूरा कर दिया है। जब से नीतीश बाबू ने बिहार की सत्ता संभाली तब से ही उन्होंने बिहार में बिजली की कमी को दूर करने के  संकल्प पर काम करना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश बाबू जब अपने मां से आशीर्वाद लेने कल्याण बिगहा पहुंचे थे उस वक्त का एक वाक्या मशहूर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और कहा कि अब ठीक लग रहा हूं न, कोई समस्या तो नहीं।इस पर नीतीश कुमार की मां ने जो कहा वो नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ा मकसद बन गया। नीतीश कुमार की मां ने उनसे कहा कि सब तो ठीक है पर बिजली दिन भर भुकभुका हई यानी दिन में कुछ ही घंटे बिजली रहती है, इसे ठीक करवाओ।उसके बाद नीतीश कुमार ने बिजली के क्षेत्र में न केवल नालंदा बल्कि पूरे बिहार की ही तस्वीर बदल कर रख दिया।

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता संभाली थी तब राज्य में केवल 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती थी। जबकि जून,2024 में बिहार में बिजली की खपत बढ़कर 7060 मेगावाट हो गई थी, जो अब तक का सबसे रिकॉर्ड खपत है। 700 मेगावाट से 7060 मेगावाट तक बिजली सप्लाई पहुंचाने का श्रमसाध्य कार्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही संभव हो पाया। आज बिहार के हर गांव में लगभग 24 घंटे बिजली की सप्लाई होती है,जिससे ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के जीवन स्तर में सुधार आया है। इसके अलावा बिजली की निर्बाध सप्लाई की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में लघु और कुटीर उद्योग पनप रहा है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पता है कि बिजली के बिना बिहार का विकास संभव नहीं है,इसलिए साल 2015 के विधानसभा चुनाव से 3 साल पहले 2012 में गांधी मैदान में 15 अगस्त के दिन नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर गांवों तक बिजली नहीं पहुंचा पाया तो वोट मांगने नहीं आऊंगा और फिर कुछ साल में ही बिजली की तस्वीर बदल दी गई।

साल 2015 में सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय कार्यक्रम लागू किया, जिसमें हर घर तक बिजली पहुंचाने का निश्चय किया गया। हर घर तक बिजली पहुंचाने का काम दिसंबर 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे अक्टूबर 2018 में ही पूरा कर लिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि उपभोक्ताओं को पहले से ज्यादा सब्सिडी मिल रही है।सभी उपभोक्ताओं के बिजली बिल पर लिखा होता है कि इसमें सरकार की सब्सिडी कितनी है और लोगों को कितने बिजली बिल का भुगतान करना है। नीतीश सरकार 6,000 करोड़ रुपए से ज्यादा बिजली सब्सिडी पर खर्च कर रही है। प्रीपेड मीटर लगने से बिजली का दुरुपयोग और लीकेज रूक गया है।  साथ ही नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी भी नुकसान से उबर रही है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर किसानों को कृषि फीडरों के जरिए बिजली की सप्लाई उपलब्ध कराई जा रही है। खेती के लिए बिजली का कनेक्शन उपलब्ध होने से किसानों को सहूलियत हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता संभालने के बाद बिहार की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक लॉ एंड ऑर्डर को पहले ठीक किया था। वहीं सड़क और बिजली जैसे आधारभूत संरचनाओं का भी बिहार में अभूतपूर्व गति से विकास किया गया। अगर इसी तरह से बिहार विकास करता रहा तो अगले दशक में यहां बड़े उद्योग धंधे भी जरूर स्थापित होंगे।

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights