कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (KCC&I) ने आज यानी 22 जून को कर्नाटक बंद का आह्वान किया है। वो बिजली दरों में असामान्य मूल्य वृद्धि का विरोध कर रहे। इससे पहले उनकी ओर से कई बार हड़ताल की चेतावनी दी गई थी, लेकिन सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की।

मामले में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संदीप बिदासरिया ने कहा कि पिछले आठ दिनों में हमने बिजली दरों में बढ़ोतरी के कारण होने वाले प्रभाव की गंभीरता को बताने का प्रयास किया। इसके बावजूद सरकारी प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने कोई समाधान नहीं खोजा।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्होंने इस बंद का आह्वान किया। उनको उम्मीद है कि सरकार उनकी मांग पर ध्यान देगी और बिजली के रेट कम किए जाएंगे।

जून में बिल में वसूली जाएगी बढ़ी राशि
दरअसल कर्नाटक विद्युत नियामक आयोग (केईआरसी) ने 12 मई को बिजली शुल्क में संशोधन किया था। इस वजह से प्रति यूनिट 70 पैसे की वृद्धि हुई। ये दर अप्रैल से लागू हो गई थी। इस संशोधित टैरिफ के कारण जून के बिल में प्रति यूनिट 70 पैसे अतिरिक्त औसत चार्ज वसूला जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में बिजली टैरिफ
0-50 यूनिट- 411.39 पैसे/यूनिट
51-100 यूनिट- 556.39 पैसे/यूनिट
101-200 यूनिट- 711.39 पैसे/यूनिट
200 यूनिट से ऊपर- 816.39 पैसे/यूनिट

ग्रामीण क्षेत्रों में टैरिफ
0-50 यूनिट- 400 पैसे/यूनिट
51-100 यूनिट- 525 पैसे/यूनिट
101-200 यूनिट- 680 पैसे/यूनिट
200 यूनिट से ऊपर- 765 पैसे/यूनिट

किन-किन चीजों पर पड़ेगा असर?
-ये बंद सिर्फ एक दिन का है। चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के आह्वान की वजह से व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
-बंद से परिवहन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
-व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करने का फैसला उसके मालिकों पर है। चैंबर की ओर से कोई अनिवार्यता नहीं रखी गई है।
-इमरजेंसी सेवाओं पर इस बंद का कोई असर नहीं पड़ेगा।

सरकार क्या कह रही?
हाल ही में सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि वो इस मामले में व्यापारियों के साथ बैठक करेंगे। वैसे भी अगले महीने से बिजली बिल कम होने वाला है। ऐसे में प्रदर्शन का कोई मतलब नहीं है। सीएम के मुताबिक कुछ लोगों को बिल इस वजह से भी ज्यादा लग रहा, क्योंकि दो महीने का बिल एक साथ आया था।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights