राहुल गांधी ने कर्नाटक के बीदर जिले के भालकी में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी ने अपने संबोधन में भाजपा और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा और साथ ही बासवन्ना के सहारे लिंगायत वोटबैंक को साधने की भी कोशिश की। राहुल गांधी ने ओबीसी जनगणना के आंकड़े जारी करने की भी मांग की।

राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘भारत में अगर कोई पहली बार लोकतंत्र के लिए बोला और लोगों को राह दिखाई तो वो बासवन्ना जी थे। दुख की बात है कि आज आरएसएस और भाजपा के लोग लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं। बासवन्ना जी मानते थे कि सभी की सहभागिता हो, एक ऐसी जगह हो, जहां सभी मिलकर आगे बढ़ें लेकिन आज इस पर भाजपा और आरएसएस द्वारा हमला किया जा रहा है। वह नफरत और हिंसा फैला रहे हैं।’

बता दें कि कर्नाटक में लिंगायत मतदाता करीब 18 प्रतिशत हैं। बासवन्ना, लिंगायतों के सबसे बड़े गुरु माने जाते हैं। बीएस येदियुरप्पा इसी वर्ग से आते हैं और लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। यही वजह है कि कर्नाटक में लिंगायत वोटबैंक पारंपरिक तौर पर भाजपा समर्थक माना जाता है। अब राहुल गांधी ने जिस तरह से अपने संबोधन में बासवन्ना की तारीफ की है, उससे माना जा रहा है कि कांग्रेस, लिंगायत वोटबैंक में सेंध लगाना चाहती है। जगदीश शेट्टार भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और वह भी लिंगायत वर्ग से आते हैं। ऐसे में लग रहा है कि कांग्रेस लिंगायत समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही है।

कर्नाटक में भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं और कांग्रेस ने इसे ’40 प्रतिशत कमीशन सरकार’ बताया था। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि ’40 प्रतिशत कमीशन सरकार का नारा मैंने नहीं दिया था ये कर्नाटक के लोगों ने दिया था।’

राहुल गांधी ने कहा कि ‘अगर हम चाहते हैं कि इस देश में ओबीसी वर्ग आगे बढ़े और उन्हें अधिकार दिए जाएं तो इसके लिए पहला कदम है कि प्रधानमंत्री ओबीसी जनगणना के आंकड़े जारी करे। प्रधानमंत्री ऐसा कभी नहीं करेंगे क्योंकि वह नहीं चाहते कि ओबीसी का कल्याण हो। कांग्रेस को जब ये अवसर मिलेगा तो कांग्रेस ये काम तुरंत करेगी।’

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