फतेहपुर जिले के असोथर थाना क्षेत्र में एक पटाखा फैक्टरी के संचालक और उसके नाबालिग बेटे बारूद में आग लग जाने से झुलस गये और उपचार के दौरान उनकी मौत हो गयी।

पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी शनिवार को दी। फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) धवल जायसवाल ने शनिवार को बताया कि खागा कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले चांद बाबू (42) की असोथर थाना क्षेत्र के सातों धर्मपुर गांव में लाइसेंसी पटाखा फैक्टरी है।

शुक्रवार की शाम पटाखा बनाने का काम बंद कर वह अपने 15 साल के बेटे आशियान के साथ पटाखा बनाने में इस्तेमाल होने वाली बारूद लगी रस्सी (डोरी) को खेतों में जाकर लोहे के औजार से काट रहे थे।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसी दौरान चिंगारी निकलने से उनके शरीर में लगी बारूद में आग लग गई, जिससे पिता-पुत्र गंभीर रूप से झुलस गए। उन्होंने बताया कि परिजनों ने चांद बाबू और उसके बेटे आशियान को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां इलाज के दौरान शुक्रवार की रात आशियान की मौत हो गई और शनिवार की दोपहर चांद बाबू ने भी दम तोड़ दिया।

एसपी ने बताया कि परिजनों ने बिना पुलिस को सूचित किए ही आशियान का अंतिम संस्कार कर दिया था, जबकि चांद बाबू के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा, पटाखा फैक्टरी में कोई विस्फोट नहीं हुआ, पुलिस घटना की जांच कर रही है।

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