उत्तर प्रदेश स्थित बहराइच में हुए दंगे और रामगोपाल मिश्रा की हत्या पर भारतीय जनता पार्टी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा ने पहली प्रतिक्रिया दी है।लंबे अरसे बाद सार्वजनिक कार्यक्रम में पहुंची शर्मा ने कहा कि 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की हत्या क्रूर थी।यूपी सरकार ने सभी कदम उठाए हैं। मैंने पहले भी कहा था, और मैं इसे फिर से कहूंगी हिंदूओं का जीवन मायने रखता है. आप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते।
बुलंदशहर पहुंची नूपुर शर्मा ने कहा ‘आज एक बहुत बड़ा कार्यक्रम हुआ और हम बुलंदशहर में एकता का संदेश देने आए हैं।समाज में एकता बनाए रखना बहुत जरूरी है, सिर्फ जातियों में ही नहीं बल्कि पूरे समुदाय में।यह संदेश विकसित भारत की ओर बढ़ने के लिए है और इसे पूरे देश में एकजुट समाज ने दिया है।
बता दें बहराइच हिंसा के पांचों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इन सभी आरोपियों को सीजेएम प्रतिभा चौधरी के आवास पर पेश किया गया, जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इन सभी को गुरुवार को नानपारा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था. आज सुबह इन सभी आरोपियों को दीवानी अदालत में पेश किया जाना था।लेकिन, सुरक्षा कारणों की वजह से इन्हें अदालत में पेश ना करते हुए सीधा सीजेएम आवास में पेश किया गया, जहां से सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में 13 अक्टूबर को हुई हिंसा में पांचों आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया था। इस एनकाउंटर में दो आरोपी घायल भी हुए थे।बहराइच एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि गिरफ्त में आए सभी आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे।लेकिन, उससे पहले ही इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इन्हीं की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिए हैं।
पुलिस ने इनके पास से दो नाली बंदूक और अवैध हथियार भी बरामद किए थे.इससे पहले, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया था कि 13 अक्टूबर को महाराजगंज में एक युवक की गोली मारकर हत्या करने के मामले में गुरुवार को बहराइच पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया। उनके नाम मोहम्मद फहीन (नामजद), मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज (नामजद), अब्दुल हमीद (नामजद) और मोहम्मद अफजल हैं।
बता दें, यूपी के बहराइच की महसी तहसील के महाराजगंज कस्बे में रविवार शाम को गाने को लेकर हुए विवाद के बाद दूसरे समुदाय के युवकों ने पथराव शुरू कर दिया था।इससे दुर्गा प्रतिमा खंडित होने पर पूजा समिति के सदस्यों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी दौरान दूसरे समुदाय के लोगों ने रामगोपाल मिश्रा की हत्या कर दी। घटना के बाद पूरे जिले में हिंसा भड़क उठी। हालांकि, पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए हालात सामान्य बना दिए हैं।