उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने 3 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। जबकि दो व्यक्तियों, 35 वर्षीय नाज़ीबुल शेख, 30 वर्षीय अबू हुरैयरा को बांग्लादेश और म्यांमार के अवैध प्रवासियों को भारत में प्रवेश करने में मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, एक 22 वर्षीय आदिल उर रहमान को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। एटीएस ने कहा कि दोनों फर्जी और जाली दस्तावेजों के आधार पर प्रवासियों के लिए भारतीय पासपोर्ट तैयार करते थे। उनके कब्जे से फर्जी भारतीय दस्तावेजों पर बने पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड और विदेशी सिम कार्ड भी बरामद किए गए।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एटीएस ने कहा कि नाजीबुल और अबू फर्जी दस्तावेजों पर उत्तर प्रदेश में रह रहे थे और भारी रकम लेकर बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों को भारत लाने में मदद करते थे। एटीएस के अतिरिक्त महानिदेशक मोहित अग्रवाल ने कहा कि अब तक की प्रारंभिक जांच के आधार पर, उन्होंने नाज़ीबुल और अबू के बैंक खातों का विवरण प्राप्त कर लिया है। अधिकारी ने कहा कि दोनों ने पिछले तीन साल में 20 करोड़ रुपए हासिल किए हैं।
एटीएस के सूत्रों ने बताया कि दोनों एक एनजीओ चला रहे थे और उन्हें यह पैसा दान के रूप में मिला था। उन्होंने कहा, “लेकिन यह विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 का उल्लंघन है। वित्तीय एजेंसियों को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है। मामले की जांच की निगरानी कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने मुखबिर की सूचना पर सबसे पहले आदिल को गिरफ्तार किया था।
एटीएस ने कहा कि आदिल को पकड़ लिया गया और उसने खुलासा किया कि वह मूल रूप से बांग्लादेश के मीरपुर का रहने वाला है और उसे सहारनपुर निवासी नाजीबुल और अबू ने प्रवेश में मदद की थी। बाद में दोनों के बारे में जानकारी मांगी गई तो सामने आया कि वे भी गैर यूपी के रहने वाले हैं और उनके दस्तावेज फर्जी हैं। दोनों ने यह भी खुलासा किया कि वे मानव तस्करी में शामिल थे और हाल ही में उन्होंने पेट्रोवा पॉल नाम की एक महिला को भारत में प्रवेश दिलाया था। एजेंसी महिला की तलाश कर रही है। एटीएस तीनों को शुक्रवार को अदालत में पेश कर गिरोह के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए उनकी रिमांड मांगेगी।