पूर्व सांसद राममूर्ति वर्मा के भतीजे मुकेश कुमार की फर्म पर GST विभाग ने छापा मारते हुए 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जांच में यह बात सामने आई कि फर्म ने फर्जी बिलों के माध्यम से टैक्स बचाने की कोशिश की थी। यहां तक की जीएसटी बचाने के लिए एक चक्कर में 38 लाख की सामग्री फर्म ने ट्रांसपोर्ट कर दी। विभाग ने फर्म को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए नोटिस भी भेजा है।

GST एसआईबी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच) के ज्वाइंट कमिश्नर बरेली अवधेश सिंह के मार्गदर्शन में डिप्टी कमिश्नर अनिरुद्ध सिंह ने यह सर्वे किया। विभाग ने डेटा विश्लेषण के आधार पर जलालाबाद में स्थित वर्मा कांट्रेक्टर और जनरल ऑर्डर सप्लायर फर्म पर छापेमारी की। यह फर्म मुकेश कुमार की है, जो पूर्व सांसद राममूर्ति वर्मा के भतीजे हैं। जांच में सामने आया कि यह फर्म हर साल सरकारी विभागों से 5 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान लेती है। फर्म ने टैक्स नकद में जमा करने के बजाय, फर्जी और गैर-मौजूद कंपनियों से खरीदारी दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत तरीके से इस्तेमाल किया।
GST विभाग ने पुलिस बल के साथ फर्म पर छापा मारकर सबूत जुटाए। इस कार्रवाई के दौरान फर्म से 12 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया। साथ ही फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसमें एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया है। फर्म मालिक मुकेश कुमार ने कहा, कि “GST विभाग ने सामान्य चेकिंग की थी और अपनी कार्रवाई पूरी कर ली। यह सब व्यापार में सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।”

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