जुझारू किसान नेता रहे मुकेश सिंह की पांचवी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत बाराबंकी पहुंचे। बाराबंकी के बंधौली गांव में स्थित उनकी समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने के बाद टिकैत ने पत्रकारों से बातचीच में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज किसानों की आय तो दोगुनी नहीं हुई, लेकिन महंगाई जरूर दोगुनी हो गई है। राजा का काम है बहकाना। ठीक उसी तरह पीएम मोदी ने भी जनता को बहकाने का काम किया। राजा के बहकावे में जनता भी आ गई। उन्होंने अग्निवीर योजना की आलोचना करते हुए कहा कि आज अग्निवीर चार साल और नेतावीर 80 साल।

वहीं कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसानों के कर्जा माफ करने के वादे को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने किसानों के मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया है। किसानों के मुद्दे सभी राजनीतिक दलों की मजबूरी है। क्योंकि जिसकी भी सरकार आएगी, उसे कर्जा माफी के साथ-साथ एमएसपी गारंटी कानून जैसे मुद्दों को छूना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2014 में कहकर आये कि यह सरकार भारतीय जनता पार्टी की है। लेकिन यह सरकार बीजेपी की नहीं है। अगर यह सरकार किसी राजनीतिक दल की होती तो काम जरूर करती। यह सरकार पूंजीपतियों का गैंग है। पूंजीपतियों ने पहले भाजपा पर कब्जा किया। फिर भाजपा ने देश पर कब्जा कर लिया। इसलिये यह सरकार भाजपा की नहीं बल्कि पूंजीपतियों की है। आने वाले समय में किसान, आदिवासियों, दुकानदारों, मजदूरों का क्या हाल होगा। यह समय बातएगा।

अग्निवीर योजना की आलोचना करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि अग्निवीर केवल चार साल और नेतावीर 80 साल। अब तक युवा सेना में कम से कम 15 साल तक सेवा दे सकते थे और रिटायरमेंट के बाद पेंशन भी मिलती थी, लेकिन नई योजना के तहत जब वो रिटायर होंगे तो उन्हें बिना पेंशन के ही अपने घर लौटना होगा। उन्होंने कहा कि विधायक और सांसद 80 साल की उम्र तक चुनाव लड़ सकते हैं और उसके बाद उन्हें पेंशन भी मिलती है। लेकिन अग्निवीर योजना में चार साल की सेवा के बाद भी युवाओं को पेंशन नहीं मिलेगी।

वहीं किसान नेता स्व. मुकेश सिंह को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि वह एक ऐसे शख्स थे, जिन्होंने बाराबंकी जिले के लिये बहुत ऐतिहासिक काम किये। उन्होंने एक रिकॉर्ड बनाया कि कैसे सामूहिक शादियां करवाई जाती हैं। उन्होंने रक्तदान जैसे तमाम ऐसे सार्वजनिक कार्य कराये जो आज भी एक मिसाल हैं। मुकेश के प्रयासों का ही नतीजा रहा कि बाराबंकी जिले ने उत्तर प्रदेश में अलग जगह बनाई। किसान, मजदूर, दुकानदार, व्यापारी और राजनीतिक दलों ने भी हमेशा मुकेश का साथ दिया।

 

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